नई दिल्ली। आर्म्स एक्ट मामले (Arms Act Case) में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बाहुबली मुख्तार अंसारी (Bahubali Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को अंतरिम राहत (Interim Relief) मिली है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने योगी सरकार (Yogi Government) को निर्देश दिया है कि वह अगले आदेश तक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) के खिलाफ कोई कदम न उठाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अंसारी की याचिका पर यूपी सरकार (UP Government) को नोटिस जारी किया है।
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यूपी पुलिस (UP Police) की कई टीमें अब्बास को ढूंढने में नाकाम रहीं। अब्बास पिछले काफी समय से फरार चल रहे हैं। यूपी पुलिस (UP Police) लगातार अब्बास की तलाश में धरपकड़ कर रही थी और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के जितने भी ठिकाने रहे सब पर छापेमारी करती रही। यूपी पुलिस (UP Police) को अब्बास का पता लगाने में कामयाबी नहीं मिल पाई। वहीं ईडी (ED) ने भी अब्बास के खिलाफ लुकआउट नोटिस (Lookout Notice) भी जारी किया है, ताकि वह देश छोड़कर नहीं भाग सके।
MP-MLA कोर्ट ने अब्बास को घोषित कर रखा है भगोड़ा
अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) मऊ की सदर सीट से सुभासपा के विधायक हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अब्बास अपने पिता माफिया मुख्तार अंसारी (Bahubali Mukhtar Ansari) की जगह चुनाव लड़े थे। ऑर्म्स एक्ट मामले में अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को 25 अगस्त को सरेंडर करने की तारीख दी गई थी। अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) ने खुद को सरेंडर नहीं किया था जिसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने अब्बास को भगोड़ा घोषित कर दिया था। अब्बास तब से ही फरार है इस बीच उसे ढूंढने के लिए यूपी पुलिस की कई टीमें लगाईं गईं लेकिन अब्बास उनके हाथ नहीं आया।
जानें क्या है पूरा मामला
12 अक्टूबर साल 2019 को अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस को लेकर ऑर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत एक मामला दर्ज किया था। इस मामले में अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) पर आरोप है कि उसने लखनऊ पुलिस को जानकारी दिए बिना ही लाइसेंस को नई दिल्ली ट्रांसफर करवा लिए। इसके अलावा अब्बास पर एक लाइसेंस पर एक से अधिक हथियार रखने का आरोप भी है।