नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के फैसले को वैध करार देते हुए इसे बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से अनुच्छेद-370 (Article 370) को रद्द करने की संवैधानिकता के पक्ष में फैसला सुनाया है।
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इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Hyderabad MP Asaduddin Owaisi) ने कहा कि आज जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया हम उससे संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह सच है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है, लेकिन यूनियन से उसका जो रिश्ता रहा है उसको तो आप नजरअंदाज नहीं कर सकेंगे। किसी सेमिनार में भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि सार्वजनिक विचार-विमर्श उन लोगों के लिए हमेशा खतरा रहेगा जो इसके अभाव में सत्ता हासिल करते हैं। अब सवाल यह है कि जब आप पूरे राज्य में कर्फ्यू लगाकर अनुच्छेद 370 को निरस्त कर रहे हैं, 356 लगा दिया आपने, इलेक्टेड असेंबली नहीं है तो फिर कश्मीर में विचार-विमर्श किसने किया जरा बताइए हमको’।
आवैसी ने कहा कि फेडरलिज्म भारत के लोकतंत्र का अहम हिस्सा है। अब विधानसभा के लिए संसद कैसे काम कर सकती है? उन्होंने कहा कि जो रेजोल्यूशन जम्मू-कश्मीर असेंबली को पारित करना था उसे संसद कैसे पारित कर सकती है। मेरी नजर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है। राज्य का दो हिस्सों में बंटवारा हुआ, उसे पूर्ण राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, यह तो बहुत बड़ा धोखा है। अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस फैसले की वैधता पर मुहर लगा दी है। तो कल भाजपा को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी बनाने के लिए और भविष्य में इसका सबसे बड़ा नुकसान जम्मू-कश्मीर के डोगरा को और लद्दाख में बौद्ध धर्म के अनुयायियों को होगा।
अनुच्छेद-370 हमारी राजनीतिक आकांक्षाओं का हिस्सा रहेगा : लोन
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन (People’s Conference chief Sajjad Lone) ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला ‘निराशाजनक’ है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय हुआ है। अनुच्छेद 370 भले ही कानूनी तौर पर खत्म हो गया हो, लेकिन यह हमेशा हमारी राजनीतिक आकांक्षाओं का हिस्सा रहेगा। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह भी निर्देश दिया कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।