Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. ऑटो
  3. Auto Tips : खरीदने जा रहे हैं सेकेंड हैंड टू व्हीलर तो रखें इन बातों नजर , इन कागजों की जांच कर लें

Auto Tips : खरीदने जा रहे हैं सेकेंड हैंड टू व्हीलर तो रखें इन बातों नजर , इन कागजों की जांच कर लें

By अनूप कुमार 
Updated Date

Auto Tips : आजकल की भागदौड़ वाली लाइफ में हर किसी को समय पर पहुंचना होता है। आफिस , कालेज , मंड़ी , दुकान और समारोह जाने के लिए अपनी सवारी की आवश्यकता बनती है। कम बजट में भी लोग अपने सवाल का इंतजाम करते है। नए टू-व्हीलर्स की बढ़ती कीमतों को चुका पाना सभी के बजट में नहीं है। ऐसे  में सेकेंड हैंड मोटरसाइकिल या स्कूटी खरीदने का विकल्प लोगों के लिए आसान होता है।  सेकेंड हैंड चीज को अगर सही से न देखा जाए तो आपको खराब चीज भी मिल सकती है। इसके साथ आपका पूरा पैसा बर्बाद हो सकता है।

पढ़ें :- Triumph Daytona 660 : ट्रायम्फ डेटोना 660 डीलरशिप पर पहुंचनी शुरू हुई , इस समय हो सकती है लॉन्च

बाजार में यूज हुए दोपहिया वाहनों की मांग बढ़ रही है। लेकिन जब खुद के लिए सेकेंड हैंड मोटरसाइकिल या स्कूटी लेना हो तो कुछ बातों पर ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। आइये जानते।

अपनाएं ये टिप्स
पुराना वाहन खरीदते समय आपको अपनी अपनी जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आपको ज्यादा दूरी तय करनी होती है तो अधिक माइलेज देने वाला मॉडल लेना चहिए। इसके साथ ही उसका इंजन भी पॉवरफुल होना चाहिए। इसके साथ ही ऑनलाइन भी उस व्हीकल के बारे में जानकारी ले सकते हैं।

जरूर लें टेस्ट राइड- जब भी आप टू-व्हीलर खरीदें तो उसकी टेस्ट राइड अवश्य लें। इसके लिए पहले उसे चलाकर अच्छे से चेक कर लें।

जांच करें इंजन – सेकेंड हैंड टू-व्हीलर लेते समय जांचें कि कहीं उसका इंजन तो पहले से बना हुआ नहीं हैं. इसके साथ ही आपको किसी भी प्रकार के तेल का रिसाव, फ्रेम में किसी प्रकार की जंग आदि को देख लेना चाहिए।  इसके अलावा क्लच और ब्रेक की जांच करें। इंजन ऑयल के चिकनाई की जांच, स्विच, लाइट और सेल्फ-स्टार्ट की जांच कर लें। गाड़ी के टायरों के अलावा मॉडल के चेचिस नंबर, इंजन के नंबर आदि का मिलान आरसी से कर लें। इन सभी चीजों की जांच अवश्य कर लें।

पढ़ें :- Kawasaki Offer : कावासाकी इंडिया ने बाइक्स पर  दिया शानदार ऑफर, बचत का उठाएं लाभ

दस्तावेजों की करें जांच- टू-व्हीलर खरीदने से पहले सारे दस्तावेजों, इंजन और चेसिस नंबर, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और चालना आदि की जांच करें। इसके साथ ही आरटीओ द्वारा जारी किए गए फार्म 28,29 और 30 को भी एनओसी के साथ चेक करें। इस बात की भी जांच करें कि बीमा आपके नाम पर ट्रांसफर हो जाए.

Advertisement