लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बरेली भूमि अधिग्रहण घोटाले (Bareilly Land Acquisition Scam) में भी बड़ा एक्शन लिया है। सीएम योगी के आदेश पर दो PCS अधिकारियों और तीन अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही सभी को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
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राज्य सरकार की एक प्रवक्ता ने बताया कि बरेली के भूमि अधिग्रहण घोटाले में दो तत्कालीन सक्षम प्राधिकारी, भूमि अध्याप्ति (SLAO) समेत पांच कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं। सीएम योगी ने इस मामले में दोषी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और कानूनगो समेत अन्य कर्मियों को चिह्नित कर उन्हें भी निलंबित करने के आदेश दिए हैं।
200 करोड़ का घोटाला आ चुका सामने
बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे (Bareilly-Pilibhit-Sitarganj Highway) और बरेली रिंग रोड (Bareilly Ring Road) में जमीन अधिग्रहण में अभी तक 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आ चुका है। प्रारंभिक जांच में इस घोटाले में संलिप्तता मिलने पर सीएम योगी ने सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति मदन कुमार और आशीष कुमार को निलंबित करने के आदेश दे दिए हैं। तहसीलदार सदर के लेखपाल उमाशंकर, नवाबगंज के लेखपाल सुरेश सक्सेना और एसएलएओ के अमीन डंबर सिंह को भी निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। दोनों एसएलएओ को निलंबित करने की प्रक्रिया शासन का नियुक्ति विभाग पूरी करेगा, क्योंकि ये पीसीएस अधिकारी हैं।
इन पर हो सकती है कार्रवाई
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इसके अलावा एक पूरक रिपोर्ट में लेखपाल आशीष कुमार, मुकेश कुमार, विनय, दिनेश चंद्र, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के तत्कालीन अमीन अनुज वर्मा, ग्राम विलहरा माफी व मुडलिया गोसू के क्षेत्रीय लेखपाल मुकेश गंगवार, हेमंतडांडी के क्षेत्रीय लेखपाल तेजपाल, ग्राम भैंसहा के क्षेत्रीय लेखपाल ज्ञानदीप गंगवार, उगनपुर के क्षेत्रीय लेखपाल मुकेश कुमार मिश्रा, अमरिया के क्षेत्रीय लेखपाल विनय कुमार व दिनेश चंद्र और ग्राम हुसैन नगर एवं सरदार नगर के क्षेत्रीय लेखपाल आलोक कुमार को भी गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। शासन के सूत्रों के मुताबिक, इन्हें भी शीघ्र ही निलंबित कर दिया जाएगा। इस मामले में राजस्व विभाग ने भी स्टेट एसआईटी से जांच कराने की संस्तुति की थी।उच्चस्तर से तय हुआ है कि पीडब्ल्यूडी की ओर से की गई स्टेट एसआईटी की सिफारिश में इसे शामिल कर दिया जाएगा।