भानू सप्तमी 2021: पौष महीने में सूर्य देव की पूजा का बहुत महत्व है। भगवान सूर्य पृथ्वी पर जीवन आधार है। ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता। इसके द्वारा व्यक्ति को जीवन, ऊर्जा एवं बल की प्राप्ति होती है।26 दिसंबर, रविवार को सप्तमी तिथि का संयोग बन रहा है। रविवार के दिन पड़ने वाली सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी कहते हैं। इस बार 14 साल बाद यह महत्वपूर्ण योग बन रहा है। इससे पहले 30 दिसंबर 2007 को ऐसा हुआ था जब रविवार को पौष महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी थी। अब 3 साल बाद 22 दिसंबर 2024 में ऐसी स्थिति बनेगी। ज्योतिष के अनुसार, इस तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य देव का व्रत और उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
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इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके सूर्य को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें। सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन या कुमकुम, लाल फूल, चावल-गेहूं के दाने डालें। फिर इससे सूर्य को अर्घ्य दें। जल चढ़ाते समय ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। जल चढ़ाने के बाद गायत्री मंत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी उचित होगा। वहीं इस व्रत में फलाहार करें लेकिन नमक न खाएं। हो सके तो पूरे दिन तांबे के बर्तन का पानी पिएं। इससे बहुत सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।