बागपत। यूपी की बागपत जेल (Baghpat Jail) में पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी (Mafia Don of Purvanchal Munna Bajrangi) की हत्या के मामले में सीबीआई (CBI) की चार्जशीट से बड़ा खुलासा हुआ है। मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) की हत्या पूर्व योजना के तहत की गई थी । उसकी हत्या में एक ही बोर की तीन पिस्टलों को इस्तेमाल किया गया था, जबकि चौथी पिस्टल बरगलाने के लिए रखी गई थी।
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हत्याकांड में सुनील राठी व उसके भाई समेत कई को आरोपी बनाया गया है। पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी (Mafia Don of Purvanchal Munna Bajrangi) को पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित (Former MLA Lokesh Dixit) से फिरौती मांगने के मुकदमे में पेशी के लिए आठ जुलाई 2018 को झांसी जेल से बागपत लाया गया था। मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) की जेल में 9 जुलाई की सुबह गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी।
तत्कालीन जेलर यूपी सिंह (Jailer UP Singh) ने जेल में बंद कुख्यात बदमाश सुनील राठी (Sunil Rathi) को मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) की हत्या का आरोपी बनाते हुए कोतवाली में इस घटना का मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के बाद तत्कालीन जेलर और तीन बंदी रक्षकों को निलंबित किया गया था। मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) की पत्नी सीमा सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने घटना की सीबीआई जांच (CBI Investigation) के आदेश दिए थे।
जिसके बाद से सीबीआई (CBI) मामले की जांच कर रही थी, जिसके लिए सीबीआई (CBI) की टीम कई बार बागपत जेल भी पहुंची थी। जांच पूरी होने पर सीबीआई (CBI) ने चार्जशीट न्यायालय में पेश की। हालांकि यह बताया जा रहा है कि न्यायालय ने चार्जशीट में खामियां बताकर पूरी जांच करने के बाद उसे दोबारा पेश करने के लिए कहा है।
हत्या के बाद जेल से बाहर फेंक दी गई थी तीन पिस्टल
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सीबीआई (CBI) की चार्जशीट के अनुसार बरामद कारतूस के दस खोखों की एफएसएल रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) को गोली मारने के लिए जेल में 7.62 एमएम की चार पिस्टल लाई गई थी। जबकि गोली मारने में तीन पिस्टल इस्तेमाल की गई थी। उसे पिस्टलों से सात गोली नजदीक से मारी गई थी।
एक पिस्टल से पांच गोली, दूसरी पिस्टल से तीन और तीसरी पिस्टल से दो गोलियों सहित कुल 10 गोलियां चलाई गई थी। उसके शरीर पर गोली लगने के सात निशान और शरीर से गोली बाहर निकलने के छह निशान मिले थे। जबकि एक गोली शरीर के अंदर ही मिली थी। जांच एजेंसियों को गुमराह करने के लिए चौथी पिस्टल को जेल के सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया था। आगरा व केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट भी सीबीआई की चार्जशीट में लगी है। हालांकि सीबीआई (CBI) हत्या में इस्तेमाल ये तीनों पिस्टल अब तक बरामद नहीं कर सकी।
सुनील राठी समेत इनको बनाया आरोपी
सीबीआई (CBI) ने अपनी चार्जशीट में कुख्यात सुनील राठी, उसके भाई अरविंद राठी, ओमबीर राठी, प्रवेंद्र राठी और बबलू नंबरदार को आरोपी बनाया है। यह सभी हत्या के समय बागपत जेल में बंद थे। सीबीआई (CBI) ने इसे राज्य पोषित हत्याकांड नहीं मानते हुए अपनी चार्जशीट में पुलिस कर्मियों को क्लीनचिट दी है।
एसपी अर्पित विजयवर्गीय (SP Arpit Vijayvargiya) ने बताया कि सीबीआई (CBI) की चार्जशीट दाखिल करने के बारे में यहां अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस बारे में अन्य स्त्रोत से जानकारी मिली है और चार्जशीट लौटाने के बारे में पता चला है। अधिकारिक जानकारी मिलने पर ही कुछ बताया जा सकता है।