Brajesh Pathak Jeevan Parichay: अपनी बेवाकी और जनता की समस्याओं को त्वरित निस्तारित करने के लिए चर्चित ब्रजेश पाठक यूपी की सियासत में बड़ा नाम है। लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति की शुरूआत करने वाले पाठक देखते ही देखते लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा तक के सफर की शुरूआत की। ब्रजेश पाठक अभी योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। बसपा छोड़ने के बाद ब्रजेश पाठक ने 2016 में भाजपा की सदस्यता ली थी। इसके बाद उन्हें लखनऊ-174 मध्य विधानसभा से टिकट मिला, जहां से वह चुनकर विधानसभा पहुंचे।
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जीवन शैली….
मूल रूप से हरदोई के मल्लावॉ निवासी सुरेश पाठक के घर में ब्रजेश पाठक का जन्म 25 जून 1964 को हुआ था। ब्रजेश पाठक ने का पेशा कृषि और वकालत रहा। उन्होंने एमए, एलएलबी की है। परिवार में पत्नी नम्रता और दो बेटियां दीपिका व सांभवी और बेटा कार्तिक है। पाठक अब परिवार के साथ राजधानी लखनऊ के महानगर क्षेत्र में रहते हैं। ब्रजेश पाठक अपने पिता की सात संतानों में पांचवे नंबर पर हैं।
राजनीति इतिहास
ब्रजेश पाठक ने अपनी राजनीति की शुरूआत लखनऊ विश्वविद्यालय से की थी। पहले वह लखनऊ विश्वविद्यालय में 1989 में उपाध्यक्ष चुने गए। इसके बाद 1990 में वे छात्रसंघ के अध्यक्ष बने। इसके बाद से यूपी की राजनीति में कदम रख दिया और कांग्रेस की सदस्यता ली। 2002 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मल्लावां सीट से चुनाव लड़ा लेकिन 130 वोटों से चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने बसपा की सदस्यता ली। बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे। वहीं, 2009 लोकसभा चुनाव से पहले मायावती ने उन्हें राज्यसभा भेजा और सदन में पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया। वहीं, मोदी लहर में वह 2014 में उन्नाव से लोकसभा का चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, यूपी में भाजपा की मजबूती स्थिति को देखते हुए उन्होंने 2016 में भाजपा ज्वॉइन कर लिया। पार्टी ने उन्हें 174 मध्य विधानसभा लखनऊ से टिकट दिया, जहां वह सपा के कद्दावर नेता रविदास मेहरोत्रा को पटखानी देकर विधानसभा पहुंचे।
ये है पूरा सफरनामा
नाम – ब्रजेश पाठक
पिता – स्व0 सुरेश पाठक
जन्मतिथि – 25 जून, 1964
पत्नी – नम्रता पाठक
बच्चे – दो बेटियां और एक पूत्र
मूल निवास – मल्लावॉ (हरदोई)
राजनीतिक योगदान
2004-2008 : चौदहवीं लोकसभा के सदस्य प्रथम बार निर्वाचित
2008-2014 : राज्यसभा के लिए सदस्य प्रथम बार निर्वाचित
मार्च, 2017 : सत्रहवीं विधानसभा के सदस्य प्रथम बार निर्वाचित