पटना। बिहार में दो दिन जारी सियासी घमासान के बाद बुधवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के शपथ ग्रहण किए जाने के बाद थम गया है। इस शपथ ग्रहण के बाद महागठबंधन वाली सरकार ने ऐलान किया है कि बिहार विधानसभा में 24 को बहुमत साबित करेगी।
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मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि 2020 का चुनाव हुआ उसमें जेडीयू के साथ सही नहीं हुआ। सारे लोग उसी समय से हमें बोल रहे थे। अब जो लोग 2015 में साथ थे वो फिर से साथ हुए हैं।
नीतीश कुमार से जब पीएम के पद को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरी ऐसी कोई ख्वाहिश नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग विपक्ष के खत्म होने की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष खत्म नहीं होगा, लोगों को जो करना है वो करते रहेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में हम पहले भी थे, आगे भी रहेंगे और साथ रहेंगे।
नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको 2014 में जनादेश मिला है उनको 2024 में मिलेगा क्या, ये देखना होगा। हमने चुनाव में उनको सपोर्ट किया लेकिन बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में हमारे नेताओं को हराया गया। नीतीश कुमार बोले कि नतीजों के बाद से ही मैं बिहार का सीएम बनना नहीं चाहता था, लेकिन चारों तरफ से दबाव था। मुझे कहा गया कि आप ही बिहार को संभालिए। मेरे साथ जो कुछ किया गया वो ठीक नहीं लग रहा था।
नीतीश कुमार ने कहा कि मेरी पार्टी के लोगों से बात हुई तो कई बातों का खुलासा हुआ जिसके बाद मैंने बीजेपी से अलग होने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में हमने एक साथ लड़कर कितनी सीटें जीती थीं, सबको पता है। हम रहेंगे कि नहीं ये 2024 में रहेंगे कि नहीं अब तो बीजेपी के लोग बोलें न।