Chandrapal Kushwaha Jeevan Parichay: थल सेना और डाक विभाग के बाद अब विधायक बनकर जनता की सेवा करने वाले चंद्रपाल कुशवाहा पहली बार 2017 में विधानसभा पहुंचे। छात्र जीवन से ही वो संघ से जुड़ गए थे। इसके साथ ही सामजिक कार्यों में भी इनकी रूचि थी। भाजपा ने उन्हें बेबरू से चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने जीत हासिल की।
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जीवन शैली…
चंद्रपाल कुशवाहा (Chandrapal Kushwaha) का जन्म 18 मई, 1956 को बबेरु के पखरौली में हुआ था। डाक विभाग में नौकरी करने के साथ ही भूतपूर्व सैनिक भी रह चुके हैं। इन्होंने बुन्देलखंड विश्वविद्यालय झांसी से बैचलर ऑफ आर्ट्स में स्नातक किया है। इनकी शादी आशा देवी के साथ जून 1977 में हुई थी। 1974 से 81 तक इन्होंने थल सेना में भी अपना योगदान दिया। इसके बाद डाक विभाग में अपनी सेवाएं दीं। हालांकि सितंबर 2011 में इन्होंने डाक विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। वीआरएस लेने के बाद इन्होंने पूर्ण रूप से राजनीति में कदम रखा।
राजनैतिक इतिहास…
चंद्रपाल कुशवाहा (Chandrapal Kushwaha) छात्र जीवन से राजनीति से जुड़ गए थे। हालांकि, डाक विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद इन्होंने पूर्ण रूप से राजनीति में कदम रखा। 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण चुनावी मैदान में नहीं उतरे लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और जीतकर माननीय बने।
ये है पूरा सफरनामा….
नाम — चन्द्रपाल कुशवाहा
पिता — बद्री प्रसाद
जन्मतिथि — 18 मई, 1956
पत्नी — आशा देवी
बच्चे — दो पुत्र, एक पुत्री
व्यवसाय — कृषि, डाक विभाग में पेंशनर एवं भूतपूर्व सैनिक
मुख्यावास — मनोरथ, थोक बबेरु, जनपद बांदा
अस्थाई पता — जी-4, ए0 ब्लाक, ओ0सी0आर0, जनपद- लखनऊ
राजनीतिक योगदान—
मार्च, 2017 — सत्रहवीं विधान सभा के सदस्य प्रथम बार निर्वाचित
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विशेष अभिरूचि
शिक्षा क्षेत्र, सामाजिक सेवा, गरीब सेवा एवं धार्मिक सेवा के साथ गो सेवा करना, शिक्षा एवं खेल के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में लोगों की सेवा करना।
अन्य जानकारी
प्रबन्धक/प्रधान संस्थापक, लव कुश शिक्षा सदन बबेरु (विद्यालय की स्थापना के समय से), प्रधान संस्थापक, लव कुश इण्टर कालेज, प्रधान संरक्षक, सुकरदेव सिंह लवकुश महाविद्यालय बांदा।