लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार लखनऊ में ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय निर्माण कार्य परियोजना’ के भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि, यह संग्रहालय हमारी युवा पीढ़ी के लिए भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के बारे में जानने का माध्यम बनेगा।
पढ़ें :- भाजपा का दूसरों पर दोषारोपण कर अपने गुनाहों पर परदा डालने का खेल बहुत पुराना...अखिलेश यादव ने साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि, 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना की क्षमता में वृद्धि करके, उसकी सामरिक स्थिति को सुदृढ़ करने वाले INS Gomati को जब De-commissioned किया गया तो वह आज यहां शौर्य संग्रहालय का हिस्सा बनने जा रहा है, मैं इसके लिए भारतीय नौसेना को हृदय से धन्यवाद देता हूं। साथ ही कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज ने जो चिह्न स्थापित किया था वही आज भारतीय नौसेना का अपना चिह्न बना है, यह गौरव के क्षण होते हैं।
आज लखनऊ में 'नौसेना शौर्य संग्रहालय निर्माण कार्य परियोजना' के भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
यह संग्रहालय हमारी युवा पीढ़ी के लिए भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के बारे में जानने का माध्यम बनेगा।
आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! pic.twitter.com/ONT75EClTy
पढ़ें :- UP News: कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में बेहोश हुए युवक की मौत, बड़ी संख्या में विधानसभा घेरने जा रहे थे कांग्रेसी नेता
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 21, 2023
इसके साथ ही उन्होंने कहा, जिस विश्वास के साथ भारतीय नौसेना ने यूपी सरकार को INS Gomati उपलब्ध कराया है, उसके गौरव व गरिमा के अनुरूप एक शौर्य संग्रहालय उत्तर प्रदेश शासन पूरी प्रतिबद्धता के साथ यहां पर बनाकर, विशेष आयोजन को भी आगे बढ़ाने में पूरी मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौसेना शौर्य संग्रहालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत को गति प्रदान करने का माध्यम बनेगा। यह भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत का प्रतीक भी बनेगा। अपनी विरासत और अतीत को विस्मृत कर कोई भी समाज और राष्ट्र विकास की बुलन्दियों को नहीं छू सकता है। अतीत सदैव व्यक्ति और समाज के साथ चलता है। अतीत के गौरवशाली क्षण हमें नई प्रेरणा प्रदान करते हैं और हमारा पथ प्रदर्शन करते हैं। यह हमें आगे बढ़ने का अवसर भी देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पुलिस स्मृति दिवस भी है। देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए आज से 64 वर्ष पूर्व लद्दाख में तैनात सी0आर0पी0एफ0 के जवान दुश्मन देश के हमलें में देश के लिए बलिदान हो गये थे। उनकी स्मृति में पूरा देश 21 अक्टूबर की तिथि को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाता है और देश की सेना, अर्द्धसेना तथा पुलिस बल से जुड़े सभी जवानों, जिन्होंने भारत के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, उनका स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस वर्ष नौसेना को अपना स्वदेशी चिन्ह भी प्राप्त हुआ है। छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित किये गये चिन्ह को भारतीय नौसेना ने अपना चिन्ह बनाया है। यह अपनी विरासत तथा परम्परा पर गर्व करने का क्षण है। इन्हीं स्मृतियों को बनाये रखने तथा उत्तर प्रदेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए नौसेना शौर्य संग्रहालय सी0जी0 सिटी में साढ़े सात एकड़ भूखण्ड में स्थापित किया जा रहा है।
पढ़ें :- हर घर नल से जल का सपना दिखाकर लोगों से हैडपंप भी छीन लिए, सपा विधायक ने कहा-यूपी में कितना हुआ काम विभाग और मंत्री को नहीं पता
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौसेना शौर्य संग्रहालय परियोजना स्थल के बगल में ही 64 एकड़ का वेटलैण्ड है। इस वेटलैण्ड के विकास के लिए पर्यटन, सिंचाई तथा वन विभाग मिलकर कार्यक्रम आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के वह जवान जिन्होंने देश की आजादी के बाद विभिन्न युद्धों में सीमाओं की सुरक्षा करते हुए, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए और विभिन्न राज्यों में कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति की स्थापना के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, उनकी स्मृतियों को बनाए रखने के लिए प्रदेश में एक स्मारक की स्थापना का कार्य भी सरकार आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आई0एन0एस0 गोमती के गौरव और गरिमा के अनुरुप पूरी प्रतिबद्धता से शौर्य संग्रहालय बनाने में मदद करेगी।