नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश का पैसा देश की जनता के लिए है, नेताओं के दोस्तों के लोन माफ़ करने के लिए नहीं। पहली बार खाने-पीने की चीजों पर टैक्स लगाया गया है। फ्री का राशन बंद करना चाहती केंद्र सरकार,उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो देश की गरीब जनता मर जाएगी।
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देश का पैसा देश की जनता के लिए है, नेताओं के दोस्तों के लोन माफ़ करने के लिए नहीं। CM @ArvindKejriwal addressing an important Press Conference | LIVE https://t.co/Gur3JkPeNy
— AAP (@AamAadmiParty) August 11, 2022
मोदी सरकार ने अरबपति दोस्तों को 10 लाख करोड़ कर्ज माफ किया
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब देश का आम आदमी ठगा हुआ महसूस कर रहा है। अब तो सरकार अस्पतलों फीस लिए जाने की बात केंद्र सरकार कर रही है। केजरीवाल ने सवाल पूछा क्या केंद्र सरकार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है? केंद्र सरकार का सारा पैसा कहां जा रहा है। इस मोदी सरकार को जनता को जबाव देना चाहिए। मनरेगा के बजट में कटौती की जा रही है और आठवां वेतन आयोग भी नहीं गठित किया जा रहा है। केजवरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अरबपति दोस्तों को 10 लाख करोड़ कर्ज माफ किया।
आठवां वेतन आयोग बनना था, केंद्र ने मना कर दिया
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब सरकार अग्निपथ योजना लाई तो कहा कि सैनिकों की पेंशन का बोझ कम करने के लिए किया जा रहा है, आजादी से अब तक तो ऐसा नहीं हुआ कि सैनिकों को पेंशन देने का पैसा नहीं है। इस बार आठवां वेतन आयोग बनना था, केंद्र ने मना कर दिया, अपने कर्मचारियों को देने का भी पैसा नहीं है ? गरीब लोगों को मनरेगा के तहत मजदूरी देती थी उसमें भी 25 फीसदी की कमी कर दी गई, कह रहे हैं कि पैसा नहीं है।
गरीब के खाने पीने के चीजों पर टैक्स लगा दिया
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले राज्यों को 42 फीसदी का हिस्सा मिलता था अब घटकर 39 फीसदी कर दिया है। वहीं, आजादी के बाद से गेहूं, चावल पर टैक्स नहीं लगता था, लेकिन इन्होंने गरीब के खाने पीने के चीजों पर टैक्स लगा दिया, जब पेट्रोलियम पर सालाना हजारों करोड़ों टैक्स केंद्र सरकार वसूलती है। ये सब करना क्यों जरूरी हो गया? कहां गया पैसा ? ऐसे में सरकारी स्कूलों में फीस ली जाएगी, सरकारी अस्पतालों में बिना पैसों के लिए इलाज नहीं होगा।
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केजरीवाल बोले- पैसा देश की जनता के लिए है, लोन माफ़ करने के लिए नहीं
वहीं, आजादी के बाद पहली सरकार है जो इतने घाटे में हैं। ऐसे में साल 2014 में 20 लाख करोड़ का बजट था अब 40 लाख करोड़ का बजट है। इतना सारा पैसा इन लोगों के सुपर रिच दोस्तों का 10 लाख करोड़ का कर्ज माफ माफ कर दिया, उनका 5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स माफ कर दिया ।