नई दिल्ली। अरब सागर (Arabian Sea) में चक्रवाती तूफान ‘तेज’ (Cyclone Tej) का खतरा बरकरार है। मॉनसून बाद के सीजन में यह पहला चक्रवाती तूफान है जिसके बाद देश को बहुत जल्द ही पहले चक्रवात के थपेड़े झेलने पड़ सकते हैं। दरअसल, दक्षिण-पूर्व अरब सागर (South-East Arabian Sea) और उसके नजदीक लक्षद्वीप के क्षेत्र के ऊपर एक संभावित चक्रवाती प्रणाली तैयार हो चुकी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) ने बताया कि अरब सागर (Arabian Sea) में कम-दबाव का क्षेत्र तैयार हो रहा है और अगर यह तेज हुआ तो चक्रवात का रूप ले सकता है।
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लक्षद्वीप क्षेत्र और निकटवर्ती दक्षिण-पूर्व अरब सागर (South-East Arabian Sea) और केरल तट पर चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) पश्चिम-उत्तर-पश्चिम (West-North-West) की ओर बढ़ गया और दक्षिण-पूर्व अरब सागर (South-East Arabian Sea) और निकटवर्ती लक्षद्वीप क्षेत्र पर बना हुआ है। आईएमडी (IMD) ने एक बयान में कहा कि इसके प्रभाव से अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। अधिकारियों ने कहा कि मौसम प्रणाली के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ने और 21 अक्टूबर के आसपास मध्य अरब सागर (Arabian Sea) के ऊपर एक दबाव में तब्दील होने की संभावना है। अधिकारियों द्वारा चक्रवात की संभावित तीव्रता का निर्धारण नहीं किया गया है।
आईएमडी (IMD) ने कहा कि वे घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। बता दें कि समुद्र का गर्म तापमान अक्टूबर और दिसंबर के बीच की अवधि को बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) के विकास के लिए अनुकूल बनाता है। हालांकि, 2022 में मानसून के बाद के मौसम के दौरान अरब सागर में कोई उष्णकटिबंधीय तूफान नहीं आया, जबकि बंगाल की खाड़ी में दो उष्णकटिबंधीय तूफान, सितारंग और मैंडौस आए।
हिंद महासागर (Indian Ocean) क्षेत्र में चक्रवातों के लिए अपनाए जाने वाले नामकरण सूत्र के अनुसार, यदि भारतीय समुद्र में उठने वाले उष्णकटिबंधीय तूफान चक्रवात (Tropical Storm Cyclone) में बदल जाते हैं, तो उन्हें ‘तेज’ नाम दिया जाएगा। स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वोत्तर मानसून के आगमन की निर्धारित तिथि 20 अक्टूबर है. इसमें देरी होने की संभावना है।
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हालांकि, कम दबाव वाले क्षेत्र के बाद चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) की उपस्थिति BoB पर पूर्वी धारा को उत्तेजित करेगी। इस सप्ताह के दौरान तटीय तमिलनाडु और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है, लेकिन पूर्वोत्तर मानसून की सामान्य शुरुआत के लिए यह पर्याप्त नहीं हो सकती है।