दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना हुई है। मकान पर कब्जा करने के इरादे से गये भूमाफियाओं ने भाई बहन समेत चार को जिंदा जला दिया। यह घटना 10 फरवरी की है। मरने वाले लोगो में एक गर्भवती महिला भी शामिल रही जिसके पेट में पल रहा आठ माह का बच्चा भी मर गया। इस घटना के विरोध में प्रमुख विपक्षी पार्टी और सत्ताधारी पार्टी की सहयोगी पार्टी हम ने सड़कों पर जम कर प्रदर्शन किया है।
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बता दें कि संजय झा के घर पर कब्जा करने एक भूमाफिया बुलडोजर लेकर पहुंचा था। आरोप है कि जब घरवालों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उनके साथ मारपीट की गई। भूमाफिया के साथ आए लोगों ने न केवल संजय की बहन पिंकी के घर में आग लगा दी बल्कि परिवार के लोगों पर भी पेट्रोल छिड़ककर जला दिया। घटना में चार सदस्य झुलस गए। वहीं गर्भवती पिंकी, उसके पेट में पल रहा आठ महीने का बच्चा, संजय झा की मौत हो गई।
दो लोगों का पटना के पीएमसीएच अस्पताल में इलाज चल रहा है। गौरतलब है कि मामले में नामजद अभियुक्त होने के बाद भी पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करने के बदले आग लगने और लगाने की जांच में जुटी रही। इस बात से लोगों में नाराजगी है। हालांकि पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। वहीं भूमाफिया मौके पर अपनी जेसीबी छोड़कर फरार हो गए थे। इस मामले में अबतक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 40 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
13 लोगों की शिनाख्त हो गई है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। मुज्जफरनगर की फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से जरूरी सैंपल इकट्ठा करके उन्हें जांच के लिए भेज दिया है। इस पूरी वारदात का मुख्य आरोपी शिवकुमार झा है। यह वही व्यक्ति है जिसका मकान और जमीन का विवाद चल रहा है। घटना में पुलिस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है।
घटना के विरोध में बुधवार को विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी हम एक साथ सड़क पर उतरे। विपक्षी पार्टियों का दरभंगा बंद असरदार दिखा। बंद समर्थकों ने शहर की सभी मुख्य सड़कों को जाम कर दिया। इससे आवागमन बाधित रहा। उन्होंने सड़क पर आगजनी की और धरने पर बैठ गए। बंद समर्थकों ने हत्यारों को गिरफ्तार करके फांसी देने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इसके अलावा जल्द से जल्द एसएसपी को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे।