सहारनपुर। फतवों की नगरी के नाम पहचान बना चुके विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम (Darul Uloom) ने बाद एलान किया है। दारुल उलूम (Darul Uloom) प्रबंधन ने न सिर्फ सभी छात्रों को दाढ़ी रखना अनिवार्य करार दिया है, बल्कि दाढ़ी कटवाने वाले चार छात्रों को निष्काषित भी कर दिया है। दारुल उलूम (Darul Uloom) की इस कार्रवाई से मदरसे के छात्रों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं बड़े एलान के बाद एक बार फिर दारुल उलूम सुर्खियों में आ गया है।
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संस्थान में दाढ़ी कटवाने पर निष्कासन की कार्रवाई का नोटिस भी चस्पा किया गया है। इस नोटिस में यह जानकारी भी दी गई है कि दाढ़ी कटवाने पर संस्थान से चार छात्रों को निष्कासित किया गया है। संस्थान की ओर से यह कार्रवाई गत 6 फरवरी को की गई है।
दारुल उलूम में नोटिस चस्पा
सहारनपुर स्थित दारुल उलूम (Darul Uloom) को प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था माना जाता है। दारुल उलूम के शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी की ओर से सोमवार को संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों के लिए फरमान जारी किया गया है। दारुल उलूम (Darul Uloom) में चस्पा नोटिस में छात्रों को अनुशासन में रहने की नसीहत दी गई है। इसके साथ ही दाढ़ी कटवाने वाले छात्रों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
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नोटिस में निष्कासन की चेतावनी
नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि यदि संस्थान में पढ़ने वाला कोई पुराना छात्र दाढ़ी काटता है तो उसके खिलाफ सीधे निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही दाढ़ी कटवाकर संस्था में प्रवेश के लिए आने वाले किसी भी छात्र को इस इस्लामिक शिक्षण संस्थान में प्रवेश भी नहीं दिया जाएगा।
इस नोटिस में दाढ़ी कटवाने वाले चार छात्रों के निष्कासन की जानकारी भी दी गई है। नोटिस में बताया गया है कि इन चारों छात्रों की ओर से माफीनामा दिए जाने के बावजूद शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें संस्थान में फिर से दाखिला नहीं दिया गया है। वैसे इससे पहले भी दारुल उलूम कई फतवों को लेकर काफी चर्चा में रहा है।
महिलाओं को बाल, आइब्रो, वैक्सिंग की मनाही
फतवे में साफ तौर पर कहा गया है कि महिलाओं के लिए भी बाल कटवाना आईब्रो बनवाना इसके लिए मनाही है। इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है इसके अलावा महिलाओं के लिए बालों में रंग लगवाना भी इस्लाम के विरुद्ध बताया है। साफ तौर पर कहा है जब तक कोई मजबूरी ना हो कि बाल काटे बिना नहीं चला सकता हो तब ऐसी मजबूरी में बाल कटवाए जा सकते हैं।
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पुरुषों और महिलाओं के लिए वैक्सिंग करवाने पर भी मनाही है। कई बार अपने प्रोफेशन को लेकर लोग दाढ़ी को लेकर कई सवाल कर चुके हैं, तब भी कहा गया है कि दाढ़ी रखना सुन्नत है और इस्लाम दाढ़ी कटवाने की इजाजत नहीं देता है। फतवा की नगरी के नाम से मशहूर दारुल उलूम से देशभर में 4500 मदरसे जुड़े हुए हैं, जिनमें से 2100 उत्तर प्रदेश में ही हैं।
नए फरमान का उलेमा ने किया दारुल उलूम का समर्थन
दारुल उलूम (Darul Uloom) की ओर से जारी किए गए इस नए फरमान का उलेमा ने समर्थन किया है। मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अहमद कासमी ने कहा कि दारुल उलूम की ओर से सही कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने जिस भी चीज को अपनाया, वह सुन्नत है। हर मुसलमान को सुन्नत और शरई उसूलों के हिसाब से ही अपनी जिंदगी जीनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में दाढ़ी रखना सुन्नत है और इसलिए दारुल उलूम की ओर से किया गया यह फैसला सही है।
उन्होंने कहा कि वैसे अगर कोई दाढ़ी नहीं रखता है तो वह इस्लाम से खारिज नहीं हो जाता मगर हजरत मोहम्मद साहब ने जिस पर अमल किया,उस पर अन्य मुसलमानों को भी अमल करना चाहिए। इस्लाम में मुट्ठी भर दाढ़ी रखना सुन्नत है और इससे ज्यादा बढ़ी हुई दाढ़ी को अगर कटवा लिया जाता है तो उसमें कोई हर्ज नहीं है।