नई दिल्ली: कोरेना महामारी (corona pandemic) ने पूरे विश्व में तहलका मचा रखा है। इस महामारी पर काबू पाने के लिए विश्व भर के वैज्ञानिक रात दिन एक किए हुए है। कोरोना के खिलाफ महामारी में वैक्सीन (Covid Vaccine) सबसे कारगर हथियार है। देश में बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। खबरों के अनुसार, रूस की स्पुतनिक वैक्सीन (sputnik vaccine)की सिंगल डोज क ट्रायल की डीसीजीआई (DCGI) ने अनुमति दे दी है। स्पुतनिक लाइट (Sputnik Light) वैक्सीन सिंगल डोज (Vaccine Single Dose) ही मरीज को दी जाएगी।
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इससे पहले जुलाई माह में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ऑफ सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। कमेटी ने कहा था कि स्पुतनिक लाइट स्पुतनिक V के कंपोनेंट 1 की ही तरह है। पहले ही इसके आंकड़ों को भारत की आबादी में ट्रायल किया जा चुका है।
बता दें कि डॉक्टर रेड्डी लैब ने रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के साथ साझेदारी की है और दोनों मिलकर स्पुतनिक V वैक्सीन के तीसरे चरण का भारत में ट्रायल किया था। डॉक्टर रेड्डी से कहा गया था कि वह सुरक्षित और बेहतर आंकड़े मुहैया कराएं।
हाल ही में द लैंसेट की रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि स्पुतनिक लाइट कोरोना के खिलाफ 78.6-83.7 फीसदी सक्षम है जोकि कोरोना की दो वैक्सीन की तुलना में बेहतर है। यह स्टडी 40 हजार अर्जेंटीना निवासियों पर की गई थी। स्पुतनिक लाइट के इस्तेमाल से कोरोना के मरीज की अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 82.1-87.6 फीसदी तक कम हो जाती है।