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परिसीमन आयोग ने जारी की अंतिम रिपोर्ट, जानें Jammu- Kashmir में कितनी सीटों पर होगा चुनाव

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने केंद्र शासित प्रदेश की फाइनल रिपोर्ट जारी कर दी है। आयोग के पास राज्य में विधानसभा और लोकसभा सीटों की परिसीमा तय करने की जिम्मेदारी थी, जो कि आज पूरी हो गई है। घाटी में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के लिए इसी रिपोर्ट का इंतजार हो रहा था। अब उम्मीद है कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में चुनावी बिगुल भी बज सकता है।

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विधानसभा सीटों की परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)  में कुल सात विधानसभा सीटें बढ़ जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू रीजन में 6 और कश्मीर में एक सीट बढ़ेगी। इसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें होंगी जिसमें ससे 47 कश्मीर संभाग (Kashmir Division) और 43 जम्मू संभाग (Jammu Division) की होंगी। इसके अलावा 9 सीटें अनुसूचित जनजाति और 07 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगी। इसके अलावा लोकसभा की 5 सीटें होंगी।

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)  में जून 2018 से कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। जब यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी उसके बाद ही चुनाव का ऐलान होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात का वादा किया है कि चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)  को राज्यों की तरह काम करने का मौका मिलेगा। यह पैनल सरकार ने मार्च 2020 में बनाया था। इसकी हेड सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई (Former Supreme Court Judge Ranjana Prakash Desai) थीं। इसके अलावा चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा (Chief Election Commissioner Sushil Chandra) और डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर चंदर भूषण कुमार (Deputy Election Commissioner Chander Bhushan Kumar) इस पैनल में शामिल थे।

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)  को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने और लद्दाख को अलग टेरटरी बनाने के बाद कमीशन ने यहां 83 से बढ़ाकर 90 विधानसभा सीटें करने का प्रस्ताव पेश किया था।

1995 में हुआ था परिसीमन
इससे पहले जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)  में 1995 में परिसीमन हुआ था। उस समय जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)  में 12 जिले और 58 तहसील थीं। इस समय केंद्र शासित प्रदेश में 20 जिले हैं औऱ तहसीलों की संख्या बढ़कर 270 हो गई है। परिसीमन का मुख्य आधार जनस्खा रहता है। इसके अलावा भौगोलिक स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है। पिछली बार परिसीमन करने में आयोग को सात साल का वक्त लग गया था।

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