नई दिल्ली: अमेरिका के इतिहास में कुछ ऐसा होने जा रहा है जो इससे पहले कभी नहीं हुआ। दरअसल, शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बात की पुष्टि की है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को क्लासीफाइड इंटेलिजेंस ब्रीफिंग हासिल करने का अधिकार नहीं होगा। बता दें, देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी निवर्तमान राष्ट्रपति को क्लासीफाइड इंटेलिजेंस ब्रीफिंग हासिल करने का अधिकार नहीं होगा।
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मालूम हो, एक कर्टसी के तहत निवर्तमान राष्ट्रपति को भी खुफिया जानकारी मिलती है। हालांकि, इस बार ऐसा नहीं होगा। इस मामले में जो बाइडेन का कहना है कि इस तरह की खुफिया जानकारी ट्रंप के लिए होने का कोई मतलब नहीं है। एक इंटरव्यू के दौरान जब बाइडेन से ये पूछा गया कि क्या उन्हें किसी बात का डर सता रहा है? उन्होंने इसके जवाब में कहा था, ‘मैं नहीं चाहता कि इस बारे में कोई भी अनुमान लगाया जाए, बात बस इतनी है कि मैं नहीं चाहता कि ट्रंप इस तरह की कोई भी खुफिया जानकारी प्राप्त करें।’
इसके पीछे का तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि ट्रंप को किसी भी तरह की इंटेलिजेंस ब्रीफिंग किए जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि ट्रंप को किसी तरह की जानकारी देने का मतलब ही क्या है। इस तरह की जानकारी का उनपर अब तक क्या ही प्रभाव पड़ा है। वो तो वैसे भी फैक्ट मिस कर जाते हैं और किसी भी तरीके का बयान दे देते हैं।
बता दें, बीते दिनों इस मुद्दे को लेकर व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप को खुफिया जानकारी ब्रीफ की जाएगी या नहीं, इसपर अभी चर्चा की जा रही है। हालांकि, ट्रंप को इस तरह की जानकारी दिए जाने को लेकर कुछ डेमोक्रेटिक सांसद और ट्रंप प्रशासन के पूर्व अधिकारियों ने भी सवाल खड़े किए थे।