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एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान को पार कर गई घाघरा नदी, यूपी के कई जिलों में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

By संतोष सिंह 
Updated Date

बाराबंकी। यूपी में मानसूनी बारिश की वजह से गंगा ,घाघरा और यमुना समेत कई नदियां उफान पर हैं, जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। घाघरा नदी, एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान को पार कर गई है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जल भरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा की वजह से घाघरा नदी, एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान को पार कर गई है। इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

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राहत आयुक्त कार्यालय (Relief Commissioner Office)से मिली सूचना के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज (Hathini Kund Barrage) से लगभग 1.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से प्रभावित होने वाले जिलों में शामली, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद और इटावा के स्थानीय प्रशासन से बातचीत कर स्थिति के लिए तैयारी करने को कहा गया है। शामली जिले में पांच गांवों में जलभराव की स्थिति शामली जिले में पांच गांवों में जलभराव की स्थिति है, मगर इससे किसी प्रकार की आबादी प्रभावित नहीं है। गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद और इटावा में बाढ़ की स्थिति नहीं है। सहारनपुर पहले से ही बाढ़ से प्रभावित है और लगभग 2000 लोग बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं।

पिछले 24 घंटों के दौरान यूपी में वर्षाजनित हादसों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। मौसम केंद्र, लखनऊ की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पश्चिमी मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय है। इस दौरान अनेक स्थानों पर व्यापक वर्षा हुई। कुछ स्थानों पर भारी से अत्यंत भारी बारिश भी हुई। पिछले 24 घंटों के दौरान संभल में सबसे ज्यादा 21 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।

इसके अलावा बिजनौर में 15, सहारनपुर में 13, मुजफ्फरनगर के जानसठ में 13, उन्नाव के सफीपुर में 12, मेरठ और बिजनौर के चांदपुर में 11-11, अमरोहा के नौगांवा सादात में 10, कासगंज के सहावर, बिजनौर के नजीबाबाद और नगीना तथा उन्नाव के हसनगंज में नौ-नौ, लखनऊ के मलिहाबाद में सात,अयोध्या, भानपुर (बस्ती), अतरौली (अलीगढ़) तथा नरौरा (बुलंदशहर) में छह-छह सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

 

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हथिनीकुंड बैराज (Hathini Kund Barrage) से पानी छोड़े जाने के बाद प्रयागराज में संगम नदी का जलस्तर में भी लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली जैसी स्थिति यहां ना बने, इसके लिए प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। गौरतलब है कि यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई जिसके बाद खतरे के निशान से पानी ऊपर बहने लगा और निचले इलाके जलमग्न हो गए। अब इसका असर प्रयागराज के संगम नदी में देखी जाने लगी है। हर घंटे 2-3 सेंटीमीटर पानी बढ़ रहा है।

 गंगा और यमुना का  हर घंटे 2-3 सेंटीमीटर बढ़ रहा जलस्तर  

प्रयागराज के  जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री (Prayagraj District Magistrate Sanjay Kumar Khatri) ने बताया कि गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 6 मीटर नीचे है। यह जलस्तर हर घंटे 2-3 सेंटीमीटर बढ़ रहा है। हम 103 बाढ़ केंद्र बना रहे हैं। हमारे पास PAC की दो बटालियन, जल पुलिस, SDRF की टीम हैं। बकौल खत्री-हमारे पास 1500 से अधिक नाव और 45 से अधिक मोटरबोट हैं। हमने राशन आदि की व्यवस्था की है।

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