Gular Vriksh Jal Arpit : सदियों से वृक्षों को पूजनीय दर्जा प्राप्त है। वृक्षों की पूजा होती है। पर्यावरण को शुद्ध करते है वृक्ष।पर्यावरण को संतुलित करने के लिए पेड़-पौधे लगाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं। हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के साथ-साथ पेड़-पौधों की भी पूजा का विधान है। गूलर का वृक्ष भी पूजनीय है। मान्यता है कि गूलर के पेड़ का संबंध धन के देवता कुबेर से और शुक्र ग्रह से होता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि सुख और ऐश्वर्य की चाह रखने वालों को गूलर के वृक्ष पर प्रतिदिन जल अर्पित करना चाहिए।ऐसा करने से शुक्र देव की कृपा प्राप्त होती है। ऐश्वर्य के स्वामी शुक्र देव प्रसन्न हो कर जातक को वरदान देते है। गूलर के पेड़ को धन कुबेर भी कहा जाता है।
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कहते हैं कि शुक्रवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को गूलर के वृक्ष की जड़ में चावल की खीर बनाकर रखें। और वृक्ष की पूजा कर भोग लगाएं। इसके बाद इस खीर को खुद खाएं और दूसरों को भी खिलाएं। ऐसा करने से भौतिक सुख की प्राप्ति होती है।