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हाईकोर्ट ने केंद्र को फटकारा : बोला-हर हाल में दिल्ली को दें उसके कोटे की ‘ऑक्सीजन’

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति, बेड और दवाओं की कमी को लेकर हाईकोर्ट में बहस जारी है। इसी बीच ऑक्सीजन की कमी के चलते शनिवार को बत्रा हॉस्पिटल में कई मरीजों की मौत हो गई है। जिसमें उसके डॉक्टर भी शामिल हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि पानी सिर से ऊपर चला गया है। साथ ही केंद्र सरकार को आदेश देते हुए कहा कि दिल्ली को आज हर हाल में उसके कोटे की ऑक्सीजन दें।

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दिल्ली को 976 टन ऑक्सीजन चाहिए, लेकिन कल केवल 312 टन ऑक्सीजन दी गई

ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये खबर बहुत ही ज्यादा पीड़ादायी है। उन्होंने कहा कि सही समय पर ऑक्सीजन देकर इनकी जान बच सकती थी। दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सीजन दी जाए। अपने लोगों की इस तरह होतीं मौतें अब और नहीं देखी जाती। दिल्ली को 976 टन ऑक्सीजन चाहिए, लेकिन कल केवल 312 टन ऑक्सीजन दी गई। इतनी कम ऑक्सीजन में दिल्ली कैसे सांस ले?

वहीं इससे पहले बत्रा अस्पताल ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह सुबह से ही ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा था। उसके पास ऑक्सीजन का पूरा स्टॉक खत्म हो गया था। जिसके चलते कई लोगों की जान चली गई, जिसमें उसके डॉक्टर भी शामिल हैं। हालांकि, कुछ समय पहले ऑक्सीजन टैंकर पहुंचा, लेकित तब तक कई लोगों की मौत हो गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अस्पताल को ऑक्सीजन जनरेटर स्थापित करने का सुझाव दिया।

बत्रा अस्पताल के अधिकारियों ने बताया था कि आज सुबह 6 बजे से ही ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहे थे। अस्पताल में 307 मरीज भर्ती थे, जिनमें से 230 को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। वहीं दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और उनकी असफलता को देखते हुए कोर्ट आग बबूला हो गया और कहा कि अगर स्थिति आपसे संभल नहीं रही थी तो सेना की मांग करनी चाहिए थी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस वक्त हर कोई तनाव में हैं, यहां तक कि हम खुद तनाव में हैं।

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हरियाणा नंबर वाले चार ऑक्सीजन टैंकर दिल्ली को करें आवंटित 

हाईकोर्ट ने केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वे हरियाणा नंबर वाले चार ऑक्सीजन टैंकर दिल्ली को आवंटित करें। राजस्थान में हाल ही में हिरासत में लिए गए टैंकर को तुरंत रिहा करे। कोर्ट ने केंद्र को इस बारे में रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है।

बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए सशस्त्र बलों की मदद लेने के सुझावों पर दिल्ली सरकार के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि इस प्रक्रिया में हम उच्चतम स्तर पर हैं। हमारी सरकार इसे देख रही है और जल्द ही दिल्ली में 15000 और बेड जुड़ जाएंगे। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपने सेना की मांग क्यों नहीं की। अगर आप सेना से अनुरोध करते तो वे अपने स्तर पर काम करते। उनका अपना बुनियादी ढांचा है।

दिल्ली सरकार के अधिवक्ता राहुल मेहरा ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वे सहमत राशि के 40 प्रतिशत से कम की आपूर्ति करने के लिए आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ अवमानना की नोटिस जारी करें। उन्होंने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं में जब तक डर नहीं पैदा कर देते, तब तक वे शहर में लूट मचाते रहेंगे। हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी को आपूर्तिकर्ताओं से बात करने के लिए कहा है।

हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में बेडों की भारी कमी है। कोर्ट ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे 10 दिनों से अधिक समय तक रहने वाले रोगियों और दैनिक प्रवेश और छुट्टी की संख्या के बारे में जानकारी दें। कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश वकील अमित महाजन को लिंडे और अन्य से ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सरकार के अधिकारियों से बात करने का निर्देश दिया है। कई अस्पतालों ने कोर्ट को बताया कि उनके आपूर्तिकर्ता लिंडे एयर ऑक्सीजन प्रदान नहीं कर रहे हैं।

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