लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी पर प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है, जो बेहद ही चिंताजनक विषय है। अब लखनऊ देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे मुस्कुराएं…जब यहां प्रदूषण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सरकारी दावे सिर्फ कागजों में ही दौड़ रहे हैं।
पढ़ें :- जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब नौतनवा के तहसील अध्यक्ष बने अतुल जायसवाल
हल्की बारिश के बाद भी रविवार को को लखनऊ देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। शहर की हवा में कोई सुधार नहीं हो सका। प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंचने के साथ देश में पहले स्थान पर पहुंच गया। लखनऊ में एक्यूआई 408 माइक्रोग्राम रिकार्ड हुआ है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा देश के 123 शहरों की मानीटरिंग में सिर्फ लखनऊ की हवा ही खतरनाक श्रेणी में पाई गयी।
एक दिन पहले लखनऊ की हवा बहुत खराब श्रेणी में थी। शनिवार को एक्यूआई 391 माइक्रोग्राम रिकार्ड हुई थी। रविवार को सुबह हुई बारिश से प्रदूषण में सुधार होने की उम्मीद थी लेकिन 17 प्वाइंट की वृद्धि के साथ खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई। वहीं गाजियाबाद दूसरे स्थान पर रहा यहां पर एक्यूआई 384 माइक्रोग्राम रिकार्ड की गई है।
शहर के चार स्थानों पर हो रही मानीटरिंग
प्रदूषण के खतरे को देखते हुए शहर में चार स्थानों पर मानीटरिंग हो रही है। इसमें तालकटोरा व लालबाग की हवा भी खतरनाक श्रेणी में रही। तालकटोरा में एक्यूआई सबसे ज्यादा 453 माइक्रोग्राम रिकार्ड की गई है। उधर लालबाग में एक्यूआई 418 माइक्रोग्राम पहुंच गई है। अलीगंज व गोमतीनगर की हवा लगभग एक जैसी हो गई है। गोमतीनगर में एक्यूआई 376 माइक्रोग्राम व अलीगंज में एक्यूआई 377 माइक्रोग्राम रिकार्ड हुई है।