नई दिल्ली। कोरोना (Corona) के खिलाफ पंजाब की कैप्टेन अमरिंदर सिंह सरकार (Captain Amarinder Singh Government) ने जंग तेज कर दिया है। इसके साथ ही राज्य के कर्मचारियों को 15 सितंबर तक वैक्सीन (corona vaccine) की कम से कम एक डोज लगवाने की सख्त हिदायत जारी की। राज्य सरकार (State Government) ने कहा कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी 15 सितंबर तक वैक्सीन की पहली डोज (first dose of vaccine) नहीं लेता है तो फिर उसे जबरन छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। हालांकि ऐसे सरकारी कर्मचारियों को इससे राहत रहेगी, जिन्हें हाल ही में कोरोना हुआ हो। उन्हें टीका लगवाने से मना किया गया हो। इसके अलावा अन्य मेडिकल कारणों से टीका न लगवा पाने वाले लोगों को भी राहत दी गई है, लेकिन किसी भी स्वस्थ कर्मचारी को 15 सितंबर तक वैक्सीन (vaccine) की कम से कम एक डोज लेनी होगी।
पढ़ें :- IND vs SA 4th T20I: भारत ने टॉस जीतकर किया बल्लेबाजी का फैसला; देखें प्लेइंग इलेवन
ऐसा न होने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) की जाएगी। इसके साथ ही उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amarinder Singh) ने कोरोना से जुड़ी पाबंदियों को भी 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला लिया है। पंजाब के सीएमओ (Punjab CMO) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक फेस्टिवल सीजन को देखते हुए पाबंदियों की अवधि को बढ़ाया गया है। इस दौरान किसी भी आयोजन में 300 से ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक होगी। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) पालन करना और मास्क पहनना पहले की तरह ही अनिवार्य रहेगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (CM Amarinder Singh) ने की कि स्वास्थ्य कारणों को छोड़कर यदि 15 सितंबर तक राज्य सरकार के कर्मचारियों ने कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक भी नहीं ली होगी, तो ऐसे कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। एक आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक मुख्यमंत्री ने यह कड़ा फैसला इसलिए लिया है ताकि लोगों को महामारी से बचाया जा सके।
इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीका लगवा चुके लोग टीका नहीं लगवाने वाले लोगों की वजह से संक्रमित न हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को टीका लगवाने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे कर्मचारी जो अभी भी टीका लगवाने से बच रहे हैं, उनको तब तक छ्ट्टी पर भेज दिया जाएगा, जब तक कि वे टीके की पहली खुराक नहीं लगवा लेते।