नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि हमने आधुनिक पीढ़ी के विमान और उपकरणों को उच्च तकनीक के साथ शामिल किया है। हम पुराने उपकरणों को भी संचालित करना जारी रखते हैं। इसलिए, एक अच्छा सुरक्षा रिकॉर्ड बनाए रखते हुए पुरानी और नई तकनीक को मूल रूप से सम्मिश्रित करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा कि इस नई तकनीक के उपयोग से जुड़े नए उभरते शारीरिक और मानसिक तनावों की पहचान करना एक साथ एक चुनौती है जो खुद को त्रुटियों के रूप में प्रकट कर सकता है, जिससे सुरक्षित संचालन सीधे प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि वायुसेना अपनी स्थापना के बाद से ही अपने कामकाज में एक उड़ान सुरक्षा-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया है। वीआर चौधरी ने कहा कि हमारी संगठन संस्कृति इसके मूल्यों में लिपटी हुई है और इस उड़ान सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देती है। आज वायुसेना के कामकाज के सभी पहलुओं का उड़ान सुरक्षा के दायरे से संबंध और अर्थ हैं।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि आधुनिक उड्डयन में प्रौद्योगिकी के तेजी से प्रसार ने नई चुनौतियों को जन्म दिया है। सबसे बड़ी चुनौती मानव मस्तिष्क को इन नई तकनीकों के लिए तेजी से और व्यापक रूप से अनुकूलित करने के लिए तैयार करना है। यह हमारे प्रशिक्षण और संचालन के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग करेगा।