Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच छिड़े युद्ध (Israel-Hamas war) में नागरिक जीवन को काफी नुकसान पहुंचा है। इस युद्ध में अब तक 6000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा गाजा में भूखमरी और इलाज न मिल पाने जाने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गयी है। इसी बीच युद्ध में इजरालय के समर्थन में भारत सरकार (Indian government) ने नागरिक जीवन के नुकसान को लेकर चिंता जताई है।
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संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (डीपीआर) राजदूत आर. रवींद्र (R. Ravindra) ने बुधवार को इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) में “फिलिस्तीनी सहित मध्य पूर्व की स्थिति” पर खुली बहस में बयान दिया। आर. रवींद्र ने कहा कि भारत इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और बड़े पैमाने पर नागरिक जीवन के नुकसान को लेकर काफी चिंतित है। भारत की ओर से इस युद्ध में इजरायल का खुले तौर पर समर्थन भी किया गया और फिलिस्तीनियों (Palestinians) के प्रति चिंता भी जाहिर की गयी।
यूएन में भारत के उपप्रतिनिधि आर रविंद्र ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए आतंकी हमले के लिए हमास की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इज़रायल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे और हम स्पष्ट रूप से उनकी निंदा करते हैं। हमारे पीएम पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे जिन्होंने जानमाल के नुकसान पर अपनी संवेदना व्यक्त की और निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना की।”
आर. रवींद्र ने गाजा पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के भारत के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को दवाइयों और उपकरणों सहित 38 टन मानवीय सामान भेजा है। भारत ने हमेशा इज़रायल-फिलिस्तीन मुद्दे के दो-राज्य समाधान पर बातचीत की है, जिससे एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में, भारत फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा।