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‘जल जीवन मिशन’ बना भ्रष्टाचारियों का अड्डा: राजस्थान की तरह ही यूपी में भी हो ED, CBI की छापेमारी तो बेनकाब होंगे कई अधिकारी!

By टीम पर्दाफाश 
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Jal Jeevan Mission: देश के कई राज्यों में जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान में छापेमारी कर 2.50 करोड़ की नकदी बरामद की थी। ईडी की ये छापेमारी जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर थी। आरोप है कि जल जीवन मिशन के काम में राजस्थान में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। राजस्थान के अलावा कई ऐसे अन्य राज्य भी हैं, जहां पर बड़े पैमाने पर इस योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं।

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उत्तर प्रदेश में हाल के ही दिनों में कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिसमें टेंडर को लेकर कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लगे हैं। ये आरोप जल जीवन मिशन के ‘बड़े साहब’ पर लगे हैं। सूत्रों की माने तो राज-सिंह और कई सर्राफ ऐसे हैं, जिनकी तूती टेंडर प्रक्रिया में खूब बोली और तमाम अनियमितताओं के बाद भी ‘बड़े साहब’ की कृपा से चेहती कंपनियों को टेंडर दे दिया गया। इन टेंडर की प्रक्रिया के बंदरबांट में भारी मात्रा में रुपयों की लेन-देन भी की गई।

सूत्र बताते हैं कि ईडी अगर उत्तर प्रदेश जल जीवन मिशन के ‘बड़े साहब’, राज-सिंह समेत कुछ सर्राफ के यहां पर छापेमारी करती है तो मनी लॉड्रिंग का एक बड़ा मामला उजागर हो सकता है। दरअसल, राज-सिंह समेत कुछ सर्राफ के जरिए ही टेंडर प्रक्रिया के दौरान भारी मात्रा में रुपयों का लेन-देन किया गया है। अगर ईडी यहां पर छापेमारी करती है तो ये भ्रष्टाचारी भी बेनकाब हो जाएंगे। विपक्ष के कुछ लोगों का आरोप है कि, यूपी भाजपा शासित राज्य है, जिसके कारण यहां पर एजेंसियों की कार्रवाई नहीं हो रही है। उनका कहना है कि अगर अन्य राज्यों की तरह ही यूपी में जल जीवन मिशन की शिकायतों पर कार्रवाई हो तो कई बड़े भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो सकते हैं।

सर्राफ कारोबारी ने निभाई अहम भूमिका
सूत्रों की माने तो कुछ सर्राफ कारोबारी टेडर प्रक्रिया के दौरान ‘बड़े साहब’ के खास रहे। कई चेहती फर्म से इन्होंने भारी मात्रा में रुपयों की लेन-देन की है। सूत्रों का कहना है कि अगर जांच एजेंसी इन सर्राफ कारोबारियों पर शिकंजा कसे तो टेंडर में हुए भ्रष्टाचार की परतें खुल जाएंगी।

यूपी में चल रहा है करीब 90 हजारों करोड़ का काम
देश का सबसे बड़ा राज्य होने के चलते यूपी में जल जीवन मिशन का काम भी बड़े स्तर पर होना है। बताया जा रहा है कि यहां पर करीब 90 हजार करोड़ रुपये का काम चल रहा है, जिसमें ‘बड़े साहब’ की कृपा से ही कंपनियों को टेंडर मिल रहा है, जिसमें जमकर अनियमितताएं की जा रही हैं। इसमें बड़े साहब के चेहते अधिकारियों की भी खूब तूती बोल रही है और वो जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हुई शिकायत
पूर्व अध्यक्ष यूपी इंजीनियर्स एसोसिएशन (जल निगम शाखा) के राम सेवक शुक्ल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जांच की मांग की थी। इस पत्र में आरोप प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप लगे थे। पत्र में लिखा गया है कि, अनुराग श्रीवास्वत को बिना दणित किए योजना को सफल रूप से पूरा करना संभव नहीं है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि भ्रष्टाचारी अधिकारियों के रहते योजना का सही समय पर पूरा होना संभव नहीं है। उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की थी।

प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में लगा रहे सेंध
जल जीवन मिशन योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। यूपी में इस योजना में अधारियों ने अपने चेहती कंपनियों के लिए सेंध लगा दिया है। ऐसे में ये महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर आधा अधूरा ही दिख रहा है।

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