नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद शनिवार को जम्मू में शांति-सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है। राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी।’
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यही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि वो राज्यसभा से भले ही रिटायर हो चुके हों, लेकिन राजनीति से रिटायर नहीं हुए हैं और संसद से भी पहली बार रिटायर नहीं हुए हैं। बता दें कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का 15 फरवरी को राज्यसभा में कार्यकाल खत्म हो चुका है। ऐसे में अब उनकी जगह मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को राज्यसभा में विपक्ष नेता घोषित किया गया है।
आपको बताते चलें कि गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा में विदाई के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी भावुक हो गए थे। ऐसे में आजाद को लेकर पीएम मोदी ने एक पुराना किस्सा याद किया था। उन्होंने कहा था कि जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब नबी भी एक राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। पीएम ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा था, ‘हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया।’