नई दिल्ली। बिहार के पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan ram Manjhi) ने एक बार फिर से भगवान राम (Lord Ram) को लेकर बयान दिया है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि मैं गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को मानता हूं, लेकिन राम को मैं नहीं मानता हूं। मांझी ने कहा कि राम कोई भगवान नहीं थे।
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जीतन राम मांझी (Jitan ram Manjhi) ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास व वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे। इस बयान के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने पूर्व सीएम के बयान के बाद कहा कि वे खबरों में बने रहने के लिए ऐसा बयान देते हैं। तो बीजेपी ने कहा कि मांझी को अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए।
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा कि मांझी को मन- मस्तिष्क का इलाज कराना चाहिए। तिवारी ने कहा कि अगर राम को नहीं मानते हैं तो अपने नाम में जीतन राम क्यों लिखते हैं? पहले तो उन्हें अपने नाम के साथ जीतन राम जो लिखते हैं, इसे बदल देना चाहिए, अगर राम को नहीं मानते हैं तो। उन्होंने कहा कि राम को नहीं मानने वाला व्यक्ति भारत की सभ्यता व संस्कृति को जानता ही नहीं है।
तिवारी ने कहा कि भगवान श्री राम के बिना भारतवर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती। जीतनराम मांझी भगवान राम का नाम लेकर चर्चा में रहना चाहते हैं। जीतनराम मांझी जिस आयु में आ गए हैं, ऐसे में जिस तरह की बातें वह करते हैं, उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए। माता सीता बिहार की बेटी हैं। इस तरह भगवान श्रीराम बिहारवासियों के रिश्तेदार हैं। बिहार के लोग अगर मजाक में इस तरह की बातें करते हैं तो कोई बात नहीं। अगर कोई सीरियस कहता है कि वह भगवान श्रीराम को नहीं मानते, राम काल्पनिक हैं, तो उन्हें अपने मन-मस्तिष्क का इलाज करवाना चाहिए। जीतनराम मांझी अपने नाम का ख्याल करें।
RJD ने भी मांझी पर साधा निशाना
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मांझी के बयान के बाद राजद ने भी पूर्व सीएम पर निशाना साधा है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मांझी जी के नाम में ही राम लगा हुआ है। जिस सहयोगी पार्टी के साथ सत्ता में हैं। वे तो भगवान राम के नाम पर ही सियासत करते हैं। राम को मानने वाले पूरी दुनिया में हैं।