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AI की पढ़ाई का लखनऊ में दिखा बूम, KMC University में एक सीट पर 76 छात्रों ने किया आवेदन

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी (UP) की राजधानी लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती लैंग्वेज युनिवर्सिटी (Khwaja Muinuddin Chishti University) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स (Artificial Intelligence Course) की पढ़ाई के लिए छात्र छात्राओं के बीच मारामारी हो रही है। बता दें कि वर्तमान में सफल होने के लिए सबसे ज्यादा स्कोप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence ) में ही लोगों को नजर आ रहा है। यही वजह है कि युनिवर्सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स (Artificial Intelligence Course)  में दाखिला लेने के लिए एक सीट पर 76 से अधिक दावेदारी विश्वविद्यालय को मिली है।

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पारंपरिक कोर्स में छात्र छात्राओं की रूचि न सिर्फ भाषा विश्वविद्यालय बल्कि लखनऊ के दूसरे विश्वविद्यालयों में भी कम ही नजर आ रही है। छात्र-छात्राएं अब प्रोफेशनल कोर्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कोर्स (Artificial Intelligence Course)  में छात्र-छात्राओं का रुझान अधिक है।आपको बता दें ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (Khwaja Muinuddin Chishti University) ने पहली बार कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (Common University Entrance Test) के माध्यम से प्रवेश लेने की प्रक्रिया की है।

करीब 56600 आवेदन विश्वविद्यालय को मिले

भाषा विश्वविद्यालय (Bhasha University) में स्नातक की 2100 सीटों के लिए करीब 56600 आवेदन विश्वविद्यालय को मिले हैं। यानी एक सीट पर 27 दावेदार हैं। भाषा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नीरज शुक्ला (Bhasha University Professor Neeraj Shukla) ने बताया कि यह सच है कि इस बार बीटेक कंप्यूटर साइंस विद आर्टिफिशियल एंड मशीन लर्निंग (B.Tech Computer Science with Artificial and Machine Learning) में सबसे ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें एक सीट पर 76 से अधिक दावेदारी हुई है। ऐसे में कहा जा सकता है कि वक्त बदला तो छात्र-छात्राओं का रुझान भी अब पारंपरिक कोर्स से ज्यादा नए और प्रोफेशनल कोर्सेज जिसके जरिए नौकरी जल्दी मिलती है उनकी ओर रुझान अधिक।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है ज़माना

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इस पर ड्रोन मैन ऑफ इंडिया (Drone Man of India) के नाम से मशहूर मिलिंद राज (Milind Raj) जो कि रोबोटिक साइंटिस्ट (Robotic Scientist) भी हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला वक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence ) का ही है। सबसे ज्यादा स्कोप इसी में है। सरकार भी इस पर ध्यान दे रही है और इसके विशेषज्ञों की मांग भी बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में छात्र-छात्राओं का रुझान इस और बढ़ना कोई भी ताज्जुब की बात नहीं है। उन्होंने बताया कि हर उम्र के लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence )  से खुद को जोड़ना चाहते हैं। आने वाले चार से पांच सालों में ही अगर किसी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence )  नहीं आता होगा तो वह अपने करियर में बहुत पीछे रह जाएगा।

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