देशभर में फैले कोरोना वायरस के कारण लोगों का आम जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। इस आपदा ने शादी जैसे मांगलिक कार्यों पर भी असर डाला है। जून का महीना खत्म हो गया है और इसके साथ ही शादी के शुभ मुहूर्त भी कम बचे हैं। जुलाई महीने में देवशयनी एकादशी के बाद किसी भी तरह के मांगलिक कार्य करने की मनाही है। इस लेख के माध्यम से जानते हैं चातुर्मास कब से शुरू है और जुलाई में शादी-विवाह की शुभ तिथि कौन-कौन सी बची है।
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आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस साल यह 20 जुलाई को पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि देवशयनी एकादशी पर सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु चार महीनों के लिए क्षीर सागर में निद्रा अवस्था में विश्राम के लिए चले जाते हैं। इस अवधि में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।
चातुर्मास का समय 20 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास लग रहा है भगवान विष्णु 14 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद अपनी निद्रा से बाहर आते हैं और सृष्टि की बागडोर फिर से संभालते हैं। ऐसा माना जाता है कि चातुर्मास की इस अवधि में दुनिया की देखरेख करने की जिम्मेदारी महादेव पूरी करते हैं। चार महीनों की इस अवधि में मुंडन, गृह प्रवेश, नए घर अथवा वाहन की खरीदारी, विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं।
जुलाई में विवाह की तिथियां जुलाई में 1, 2, 7, 13 और 15 तरीख को के लिए बढ़िया मुहूर्त है। चातुर्मास के कारण चार महीनों के लिए विवाह पर रोक लग जाएंगे। साल 2021 के आखिरी दो माह नवंबर और दिसंबर में शादी के कुल 13 शुभ मुहूर्त मिलेंगे। नवंबर में 15, 16, 20, 21, 28, 29 और 30 तारीख शुभ है। वहीं दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 11 और 13 तारीख को शादी का शुभ मुहूर्त है।