दीपावली से पहले हर साल धनतेस मनाया जाता है। इस दिन भगवान का विधि विधान की पूजा की जाती है। लोग नए सामान से लेकर सोना-चांदी तक खरीदते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करना शुभ होता है। इस बार 22 अक्टुबर को धनतेरस है।
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चलिए आपको बताते हैं कि आखिर दीवाली से पहले धनतेरस की पूजा क्यों की जाती है। शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन ही भगवान धनवंतरी हाथों में स्वर्ण कलश लेकर समुद्र मंथन से प्रकट हुए. धनवंतरी ने कलश में भरा अमृत देवताओं को पिलाकर अमर बना दिया था। धनवंतरी के जन्म के दो दिनों बाद देवी लक्ष्मी प्रकट हुई इसलिए दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
बताया जाता है कि धनतेरस की पूजा कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इसे धनतेरस कहते हैं। धनवंतरी के जन्म के अलावा इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर की भी पूजा होती है।
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धनवंतरी देवताओं के वैद्य भी हैं। इनकी भक्ति और पूजा से आरोग्य सुख यानी स्वास्थ्य लाभ मिलता है। मान्यता है कि भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा विज्ञान को बढ़ावा देने लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था।