Life Management : जीवन अमूल्य है। जीवन का हर छण मूल्यवान है। प्रकृति के सानिध्य में फलने फूलने वाले जीवन में समय का महत्व सर्वोपरि है। दिन भर में सफलता पूर्वक आवश्यक कार्यों को निपटाने के लिए पूर्व से उनका समय निर्धारण किया जाता है। सदियों से जीवन विकास क्रम में प्राप्त अनुभवों के आधार पर कार्यों की प्रमुखता का निर्धारण किया जाता है। प्रानी धर्म शास्त्रों में भी समय को बलवान बताया गया है। समय की गति को पकड़ने के लिए मानव हर संभव कोशिश कर रहा है। जीव जगत में मानव के साथ वनस्पतियां और जीव जन्तु पूर्व काल से ही मानव के लिए प्रेरणा के विषय रहे है।
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अंतरिक्ष में ग्रहों की चाल अपने निर्धारित समय से गति कर रहे ळै। सूर्य चंद्रमा अपने निर्धारित समय से उदय औ।र अस्त होते रहते है। प्रकृति में प्रकाश और अंधाकार ये उदहरण जीवन को प्रेरित करते है। ये जीवन को इस बात का संदेश देते है कि जीवन में विश्राम का बहुत महत्व है। जीवन प्रबन्धन में शारीरिक उर्जा का संतुलन और विश्राम की व्यवस्था, समय प्रबंधन के साथ करने से उत्साह में वृद्धि होती रहती है। जीवन प्रबन्धन में समय प्रबन्धन की प्रमुख भूमिका है। कार्यों के लिए समय का निर्धारण करना और उसका पालन करना जीवन प्रबंधन की दृष्टि में सर्वश्रेष्ठ कार्य है।
पुनः प्रभातं पुनरेव शर्वरी पुनः शशांकः पुनरुद्यते रविः ।
कालस्य किं गच्छति याति यौवनं तथापि लोकः कथितं न बुध्यते ॥
हिंदी अर्थ:- फिर से प्रभात, फिर से रात्रि, फिर से चंद्र, और फिर से सूरज का उगना! काल का क्या जाता है ? कुछ नहीं; यह तो यौवन जाता है, (पर) लोग कहाँ समझते हैं?