Mahashivratri 2023 : भगवान शिव की पूजा अर्चना और उनकी कृपा पाने के लिए यह सर्वोत्तम दिन महाशिवरात्रि है। इस पुनीत दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने बाद शिव जी को चंदन, पुष्प, बेलपत्र, फल, धतूरा आदि अर्पित किया जाता है। इस दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भक्त गण महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करते हैं और वर मांगते है।
पढ़ें :- महाराष्ट्र में वोटिंग से पहले एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान , बोले-मैं सीएम पद की रेस में नहीं
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
इस साल 17 फरवरी रात 8 बजकर 2 मिनट से महाशिवरात्रि शुरू हो रही है जो अगले दिन यानी 18 फरवरी शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। पूजा के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) की बात करें तो भक्त इस समय अवधि में ही पूजन कर सकते हैं। वहीं, निशीथ काल में पूजा का मुहूर्त 19 फरवरी रात 12 बजकर 16 मिनट से 1 बजकर 6 मिनट तक है।
भगवान शिव की पूजा के विशेष नियम है। भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं का विशेष महत्व है। भगवान शिव पर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें। पूजन करें और अंत में आरती करें।