Mangal Dosh : कुंडली में मंगल दोष जीवन में परेशानी लाता है। कभी, कभी इस वजह बड़ा नुकसान हो जाता है। कुंडली में मंगल दोष होने की वजह से जातक स्वभाव से उग्र और क्रोधी होता है। जातक के वैवाहिक जीवन में उतार चढ़ाव बना रहता है। अचानक रिश्तों में खटास आ जाती है। किसी भी जातक की जन्मपत्रिका में लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में मंगल का स्थित होना मांगलिक दोष कहलाता है। शास्त्रोक्त भी यह मान्यता है कि मांगलिक दोष वाले लड़के अथवा लड़की का विवाह किसी मांगलिक दोष वाले से ही होना आवश्यक है। इसे दूर करने के ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर जातक भी अपनी कुंडली से मंगल दोष को दूर कर सकते हैं।
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मंगल दोष के प्रभाव
जब लग्न में ये स्थिति होती है तो जातक का स्वभाव अत्यधिक तेज, गुस्सा, और अहंकारी होता है। चतुर्थ में मंगल जीवन में सुखों में कमी करता है और पारिवारिक जीवन में कठिनाइयां आती हैं। सप्तम भाव में मंगल होने से वैवाहिक सम्बन्धों में कठिनाई आती है। अष्टम भाव में स्थित मंगल विवाह के सुख में कमी, ससुराल के सुख में कमी या ससुराल से रिश्ते बिगड़ जाते हैं। द्वादश भाव का मंगल वैवाहिक जीवन में कठिनाई, शारीरिक क्षमताओं में कमी, क्षीण आयु, रोग, कलह को जन्म देता है।
मंगल दोष के उपाय
इसके अतिरिक्त श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
भगवान शिव शक्ति की संयुक्त पूजा करें।
शिवलिंग पर लाल रंग के पुष्प अर्पित करें।
मंगलवार को मजदूरों को खाना खिलाएं।