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Manipur Violence : भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने पीएम मोदी, पार्टी और मुख्यमंत्री को किया बेनकाब, वीडियो वायरल

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न अवस्था में जबरन घुमाए जाने के बाद सड़क से संसद तक उबाल देखने को मिल रहा है। प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके (Manipur Governor Anusuiya Uikey) ने गुरुवार को पूर्वोत्तर राज्य में मणिपुर में दो महिलाओं के खिलाफ हुए जघन्य अपराध पर दुख व्यक्त किया । साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया था। इस घटना को उन्‍होंने शर्मसार करने वाला बताया।

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इसी बीच मणिपुर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक पाओलीनलाल हाओकिप (MLA Paolinlal Haokip) ने पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि 79 दिनों के बारे में भूल जाइए। इतनी बड़ी हिंसा पर प्रतिक्रिया में देरी के लिए एक सप्ताह भी लंबा समय है। आपको बता दें कि विधायक खुद कुकी-जोमी समुदाय से आते हैं। उनका मानना है कि पीएम मोदी की प्राथमिकताएं पूरी तरह से गलत हैं। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री की अमेरिका की यात्रा से पहले उन्होंने उन तक पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो सके।

न्यूजलॉन्ड्री को दिए एक इंटरव्यू में हाओकिप ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन जहां लोग मारे जा रहे हैं उस मामले को सुलझाने पर भी ध्यान देना चाहिए। मानवता यही है, जिसकी कमी है। भाजपा विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमने जनता के प्रतिनिधि के रूप में प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। हम आज तक उन्हें स्थिति की गंभीरता से अवगत कराने के अवसर का इंतजार कर रहे हैं।

हाओकिप उन 10 कुकी विधायकों में शामिल हैं जिन्होंने एक पत्र में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर आदिवासी समूह की रक्षा करने में गंभीर विफलता का आरोप लगाया था। उन्होंने प्रदेश में एक अलग प्रशासन की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि “3 मई 2023 को चिन-कुकी-मिजो-जोमी पहाड़ी आदिवासियों के खिलाफ बहुसंख्यक मैतेई लोगों द्वारा शुरू की गई हिंसा ने राज्य को विभाजित कर दिया है। उन्हें मणिपुर सरकार का मौन समर्थन प्राप्त है।”

विधायकों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध की चार घटनाओं को सूचीबद्ध किया है। हाओकिप ने पूछा है कि क्या मणिपुर में अत्याचारों पर ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को उन घटनाओं के ऑडियो-विजुअल की आवश्यकता होगी? उन्होंने पूछा कि क्या राज्य सरकार को ऐसी अमानवीय क्रूरताओं पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?

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इस मुद्दे पर हाओकिप ने कहा कि एक देश के रूप में मानवाधिकार संबंधी चिंताओं और किसी व्यक्ति की गरिमा को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर पार्टी लाइनों से परे जाना महत्वपूर्ण है।

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