भगवान विष्णु के भक्त इस साल 4 अप्रैल को मत्स्य जयंती मनाएंगे। भगवान विष्णु के पहले रूप मत्स्य के जन्म को मत्स्य जयंती के रूप में मनाया जाता है। विभिन्न विष्णु मंदिरों में जबरदस्त धूमधाम और जोश देखा जा सकता है। मत्स्य जयंती का त्योहार चैत्र नवरात्रि के मौसम के दौरान आता है और गणगौर त्योहार के साथ ओवरलैप होता है। मत्स्य जयंती को भगवान विष्णु की जयंती के रूप में भी जाना जाता है। सत्य युग के दौरान मत्स्य भगवान विष्णु का पहला अवतार था।
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मत्स्य जयंती 2022: तिथि और समय
मत्स्य जयंती का त्योहार हिंदू महीने चैत्र की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।
मत्स्य जयंती तृतीया 03 अप्रैल, 2022 को 12:28 बजे शुरू होती है और 04 अप्रैल, 2022 को 01:54 तक चलेगी।
मत्स्य जयंती के दिन भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा एक विशेष विष्णु पूजा का आयोजन किया जाता है।
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मत्स्य जयंती 2022 मुहूर्त 04 अप्रैल, 2022 को 01:56 से 04:24 तक शुरू होगा।
मत्स्य जयंती 2022: महत्व
मत्स्य को भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतारों में से पहला माना जाता है। ब्रह्मांडीय संतुलन को बहाल करने के लिए, भगवान विष्णु को कई अवतारों में पृथ्वी पर कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इनमें से पहला अवतार मत्स्य था और भगवान विष्णु का जन्म मत्स्य अवतार में मनाया जाता है।
मत्स्य का अवतार मछली में बदल गया था। ऐसा माना जाता है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने पहले मनुष्य मनु को एक विनाशकारी बाढ़ से बचाया था।
इस त्योहार के आयोजन के दौरान, लोग कई उदाहरणों को बताते हैं कि कैसे भगवान विष्णु ने अवतार को आदेश दिया।
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इस दिन, लोग भगवान विष्णु के मंदिर में प्रार्थना करने और समर्पित आरती और पूजा करने के लिए जाते हैं।