Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. मोदी सरकार ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण पर लगाई मुहर, बेचेगी 51 फीसदी हिस्सेदारी

मोदी सरकार ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण पर लगाई मुहर, बेचेगी 51 फीसदी हिस्सेदारी

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण पर अपनी मुहर लगा दी है। नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को विनिवेश के लिए चुना गया है। दोनों बैंकों में सरकार चरणबद्ध तरीके से अपनी हिस्सेदारी घटाएगी। पहले चरण में 51 फीसदी हिस्सेदारी बेची जा सकती है।

पढ़ें :- India Won U-19 Women's Asia Cup : भारतीय महिला अंडर-19 टीम ने जीता एशिया कप, बांग्लादेश को 76 रनों पर किया ढेर

सूत्रों के मुताबिक, दोनों बैंकों के निजीकरण के लिए केंद्र सरकार बैंकिंग नियमन एक्ट में बदलाव के साथ कुछ अन्य कानून में भी संशोधन करेगी। इसके साथ ही आरबीआई से भी इस पर अंतिम सलाह ली जाएगी। इससे पहले नीति आयोग ने निजीकरण के लिए दोनों बैंकों के नामों की सिफारिश की थी। आयोग को दो बैंक और एक बीमा कंपनी के चयन की जिम्मेदारी दी गई थी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 – 22 में दो बैंकों और एक बीमा कंपनी के विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी। निजीकरण के लिए चुने गए दोनों बैंकों का कुल बाजार मूल्यांकन 44 हजार करोड़ रुपये है, जिसमें 31,641 करोड़ आईओबी के हैं।

हालांकि, कुछ बाजार विश्लेषकों का कहना है कि कोरोनाकाल में दोनों बैंकों की हिस्सेदारी बेचना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगा। पिछले साल भी सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपये विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य बनाया था, जो हासिल नहीं हो सका। इस पर सतर्क रहना होगा।

20 फीसदी तक चढ़े शेयर, दोनों में लगा अपर सर्किट

पढ़ें :- ECI New Rule : मल्लिकार्जुन खरगे का हमला, बोले-चुनाव आयोग की ईमानदारी  खत्म करने की मोदी सरकार की बड़ी साजिश

विनिवेश के लिए बैंकों का चयन होने की खबर से सोमवार को शेयर बाजार में इंडियन ओवरसीज बैंक के शेयर 19.80 फीसदी चढ़कर 23.60 रुपये के भाव पहुंच गए और अपर सर्किट लगाना पड़ा। शेयरों का मूल्य एक साल के शीर्ष पर पहुंच गया।

सेंट्रल बैंक के शेयरों का भाव भी 19.80 फीसदी बढ़त के साथ 24.20 रुपये हो गया। सेंट्रल बैंक के बीएसई पर 1.20 करोड़ और एनएसई पर 7.54 करोड़ शेयर हैं। वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक के बीएसई पर कुल 1.12 करोड़ शेयर हैं, जबकि एनएसई पर 4.46 करोड़ शेयरों में कारोबार होता है। सरकार की मंशा दोनों बैंकों की हिस्सेदारी इक्विटी पूंजी के आधार पर घटाने की है। बाजार में अभी दमदार प्रदर्शन से बैंकों का मूल्यांकन भी ज्यादा है और राशि भी ज्यादा मिलेगी।

Advertisement