गांधीनगर। गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने गुरुवार को मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) में मारे गए लोगों के परिजनों को दिए गए मुआवजे (Compensation) पर नाखुशी जताई है। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पुल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को काफी कम मुआवजा (Compensation) दिया गया है।
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गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने कहा कि मुआवजा वाजिब होना चाहिए। इसके साथ ही इस मसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि समय की मांग है कि मुआवजा राशि पर्याप्त (Adequate Compensation) होनी चाहिए। मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित छानबीन के आदेश दिए गए थे। जांच में पता चला कि पुल के मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति की गई थी। इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की गई। वहीं, प्रदेश सरकार की ओर से मुआवजे का ऐलान भी किया गया था।
मुआवजा के तौर पर मिलने वाली राशि को अपर्याप्त बताते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दी गई थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने प्रदेश सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि मृतकों के परिजनों को दी गई मुआवजा राशि (Compensation) वाजिब और यथार्थ में होनी चाहिए। साथ ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि मौजूदा समय की मांग है कि मुआवजा पर्याप्त होना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों को भी दिया गया मुआवजा काफी कम है। नाराज हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत मुआवजा नीति को लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसा तंत्र विकसित करने का आदेश भी दिया है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। कोर्ट ने कहा कि मृतकों के परिवारों की जानकारी भी सार्वजनिक की जाए। हादसे में 130 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। केबल तार टूटने से यह हादसा हुआ था। हादसे के लिए पुल का रख-रखाव करने वाली कंपनी को जिम्मेदार ठहराया गया। गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने राज्य सरकार को सभी पुलों का सर्वेक्षण करने का आदेश भी दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सभी पुल सही हालात में हों। साथ ही सभी पुलों की सूची भी मांगी गई है, जिसमें यह उल्लेख किया जाए कि उनमें से कितने जर्जर और कितने ठीक स्थिति में हैं।
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