नई दिल्ली। आईएसआईएस मॉड्यूल और टेरर फंडिंग के मामले में रॉ और आईबी के साथ एनआईए ने जम्मू कश्मीर में 10 ठिकानों पर रेड जारी है। जांच एजेंसियां ने कई लोगों से पूछताछ कर रही हैं। आईएसआईएस के टेरर मैगजीन को लेकर यह छापेमारी की गई। इस मैगजीन के अब तक 17 संस्करण छप चुके हैं।
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मंथली मैगजीन में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव के बारे में कवर किया जाता है। माना जा रहा था कि यह मैगजीन अफगानिस्तान से प्रकाशित होती थी, लेकिन जांच में पता चला कि इसका प्रकाशन आईएस से संबंधित जम्मू-कश्मीर/दिल्ली की टीम करती है। अब जांच एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें अनंतनाग, श्रीनगर, बारामुला, अवंतीपोरा शामिल हैं। दक्षिणी कश्मीर से जीशान अमीन, तनवीर, उमर अहमद और आरिफ खान को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने सुबह दारूल उलूम, दलाल मोहल्ला, नवाबाजार, में पुलिस, एसओजी, एसडीपीओ के कई अधिकारियों के साथ रेड मारी थी। तलाशी अभियान के दौरान कुछ ऑफिस रिकॉर्ड, एक लैपटॉप सीज किया साथ ही अदनान अहमद नदवी को गिरफ्तार किया जो हाका बाजार का रहने वाला है। बता दें कि यह दारूल उलूम उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित दारूल उलूम से संबद्ध है। छापेमारी खत्म होने के बाद जांच एजेंसी की टीमें वापस लौट गई हैं। आईएसआईएस में भर्ती, कट्टरता और प्रचार से संबंधित मामले की जांच के संबंध में 9 जुलाई को एनआईए की टीम कश्मीर पहुंची थी। इसके अलावा दिल्ली से आईबी की टीम भी इसी दिन कश्मीर पहुंची थी।
बता दें कि वॉयस ऑफ इंडिया मैगजीन को लेकर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल भी दो साल पहले खुलासा कर चुकी है। दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद आईएस का एक आतंकी और जम्मू कश्मीर के रहने वाले पति-पत्नी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। तिहाड़ जेल में बंद आतंकी मैगजीन का कंटेंट जेल के अंदर से भेजता था।
बाद में यह केस एनआईए ने लिया और पुणे से भी गिरफ्तारी की गई थी। एजेंसी ने दावा किया था कि आईएस खुरासान मॉड्यूल वॉइस ऑफ इंडिया मैगजीन पब्लिश करके टेलीग्राम चैनल में डाल रहा है और बड़े पैमाने पर रेडिक्लाइजेशन का काम किया जा रहा है। 2020 में हुए दिल्ली दंगो की तस्वीरों के साथ काफी भड़काने वाले कंटेंट भी वॉयस ऑफ इंडिया मैगजीन में छापे गए थे। एजेंसी ने दावा किया था कि आईएस खुरासान मॉड्यूल के लोग ही वॉयस ऑफ इंडिया मैगजीन को पब्लिश कर रहे हैं जिसका मेन हैंडलर अफगानिस्तान में बैठा हुआ है।