जिनेवा: कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर पूरा विश्व चाह रहा है कि इस बात का सटीक पता लगाया जाना चहिए किया कि इस जानलेवा वायरस (deadly virus) की उत्पति कैसे हुई। समूचे विश्व के वैज्ञानिक (Scientist) कोरोना वायरस के बारे में जानने के लिए रात दिन एक किए हुए हैं। घातक वायरस को लेकर चीन का वुहान लैब (Wuhan lab) पूरी दुनिया के राडार पर है।कोरोना वायरस की उत्पत्ति (origin of corona virus)पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य विकसित व विकासशील देशों (developed and developing countries) से एकजुट होने की अपील की है।
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दुनिया के कोने कोने में इस बात की चर्चा जोरो पर है कि पिछले साल से कोहराम मचा रहा कोरोना चीन की धरती से पूरी दुनिया तक पहुंचा है।वायरस से जुड़े सवालों के जवाब तलाशने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम चीन की वुहान लैब का आडिट (audit) करना चाहती है। लेकिन चीन वुहान लैब का आडिट करवाने से भाग रही है। चीन के रुख को देखते हुए डब्ल्यूएचओ (who) ने अब दुनियाभर के देशों से मदद मांगी है।
बता दें कि कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान में आया था। इसके बाद वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। दुनियाभर के देश वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं। वायरस के संक्रमण के शुरुआती दिनों में चीन के दबाव में डब्ल्यूएचओ इस मामले में नरम रुख अपनाता था। दुनिया भर के दबाव अब डब्ल्यूएचओ चीन की लैब का ऑडिट करना चाहता है तो चीन इससे पीछे हट रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के इस रुख को देखने के बाद डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता तारिक जेसारविक (WHO spokesman Tariq Jesarvik)ने कहा, यह कोई राजनीति या आरोप प्रत्यारोप का मामला नहीं है। हम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर वायरस कहां से आया है और इतनी बड़ी तबाही के पीछे क्या मंशा रही है। उन्होंने कहा, हमारी जिम्मेदारी है कि मानवजाति के इतने बड़े विनाश का कारण और उसका मूल पता लगाने के लिए हम एकजुट होकर सहयोग करें।