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Parliament Session : लोकसभा में चुनाव सुधार बिल पास, TMC ने किया समर्थन

By संतोष सिंह 
Updated Date

Parliament Session : मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने संबंधी चुनाव सुधार संबंधी विधेयक केंद्र की मोदी सरकार सोमवार को लोकसभा में पेश किया। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा (Lok Sabha) में चुनाव सुधार बिल पास कर दिया (Election Reform Bill passed ) गया है। सबसे खास बात यह रही कि इस बिल का टीएमसी ने समर्थन (TMC supported) किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले बुधवार को इस विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी थी, जिसमें कहा गया था कि मतदाता सूची में दोहराव व फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।

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वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर को जोड़ने के प्रस्ताव वाले विधेयक को लोकसभा
में सोमवार को कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया, जिस पर हंगामे के बीच सदन ने मुहर लगा दी। चुनाव कानून संशोधन विधेयक. 2021 के मतदाता सूची तैयार करने वाले अधिकारियों को संबंधित व्यक्ति से आधार कार्ड मांगने का अधिकार होगा। हालांकि इस विधेयक में आधार कार्ड का नंबर बताने को वैकल्पिक रखा गया है। सरकार ने बताया कि आधार कार्ड को वोटर आईडी से लिंक किए जाने से मतदाताओं को वेरिफिकेशन हो सकेगा और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी नहीं हो सकेगी।

बिल पेश करते हुए कानून मंत्री रिजिजू ने कहा कि आधार और वोटर कार्ड को लिंक करने से फर्जी मतदाताओं पर लगाम लगेगी। रिजिजू ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिए हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही है। बता दें कि इस बिल को पेश किए जाने का तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, बसपा और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने विरोध किया। कांग्रेस ने कहा कि इस विधेयक को स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।

AIMIM के मुखिया असददुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक के जरिए चुनाव आयोग जैसी स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि आधार-वोटर कार्ड लिंक होने से भविष्य में बहुत से मतदाता का नाम हटाने की भी आशंका है। हालांकि संसद के दोनों सदनों में सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल मौजूद है। लेकिन सत्ता-विपक्ष के बीच पहले से चल रहे गतिरोध के साथ चुनाव सुधार बिल भी मतभेद का एक नया अध्याय जोड़ सकता है। इस बीच सरकार लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव वाले विधेयक को भी इसी सत्र में संसद में पेश करने की तैयारी में है। इस विधेयक का भी कांग्रेस ने विरोध करने का पहले ही ऐलान किया है।

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