लखीमपुर। लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri violence case) में गुरुवार को यूपी पुलिस ने लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है। पहले दोनों अज्ञात में थे अब पहचान कर गिरफ्तारी हुई है।लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह (Lucknow Range IG Laxmi Singh) ने बताया कि आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की गिरफ़्तारी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मुख्य आरोपी को भी हम आज समन भेज रहे हैं। हम उनका बयान दर्ज़ करेंगे। उसके आधार पर आगे सबूत इकट्ठे कर रहे हैं।
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लखीमपुर मामले में आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने कहा कि दो लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। दोनों से पूछताछ में कई सारे सबूत और साक्ष्य मिले हैं। घटना में शामिल तीन आरोपियों की जानकारी मिली है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मौके से खोखे भी बरामद हुए हैं जिनकी फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। पूछताछ के लिए बुलाए गए दोनों आरोपियों से कई अहम जानकारियां हासिल हुई हैं।
बता दें कि कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी (Union Minister of State for Home Ajay Mishra Teni) की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के काफिले के बीच रविवार को हिंसक टकराव हो गया था। लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri ) के तिकुनिया कस्बे में हुए बवाल के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी थी। किसानों के मुताबिक, मंत्री के बेटे ने खेतों में भागकर जान बचाई, लेकिन इस दौरान हुई पिटाई से चालक सहित और तीन भाजपाइयों की भी मौत हो गई। 10 से ज्यादा घायल किसानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri violence case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने गुरुवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए योगी सरकार (Yogi Government) से कहा कि वह एक स्टेटस रिपोर्ट शुक्रवार तक दाखिल करें कि आठ लोगों की हत्या से संबंधित मामले में किसे आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है या नहीं? चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए यूपी सरकार से शुक्रवार तक इस मामले से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर पूरा ब्यौरा पेश करने के लिए कहा है।
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यूपी सरकार की एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने दिया जवाब
हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि एक विशेष जांच दल (SIT)और एक न्यायिक जांच आयोग का गठन (constitution of judicial inquiry commission) किया गया है। चीफ जस्टिस ने योगी सरकार (Yogi Government) से कहा कि शिकायत है कि आप ठीक से जांच नहीं कर रहे हैं। दो वकीलों द्वारा दिए गए लेटर पिटीशन में कहा गया है कि आठ लोगों, किसानों और पत्रकारों की हत्या की गई है। हमें यह जानने की जरूरत है किन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है?