नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने अगले कदम को लेकर जो सस्पेंस बना हुआ था, उसे उन्होंने गुरुवार को खत्म कर दिया। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने ऐलान किया है कि वह फिलहाल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बना रहे हैं। इसके साथ उन्होंने बताया कि वह बिहार में राजनीतिक बदलाव (Political Change in Bihar) के लिए 3 हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। पीके ने कहा कि यह पदयात्रा चंपारण (Padyatra Champaran) से शुरू होगी।
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प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार के पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 30 साल के लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के राज के बाद भी बिहार देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है।
पीके के संबोधन की जानें बड़ी बातें
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि अगर बिहार को अग्रणी राज्यों की लिस्ट में आना है तो उन रास्तों पर चलना बंद करना होगा, जिसपर 10-15 सालों से चला जा रहा है। इसके लिए नई सोच-नए प्रयास की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इस नई सोच और नए प्रयास को कोई अकेले नहीं कर सकता। बिहार के लोगों को इसके पीछे ताकत लगानी होगी।
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उन्होंने कहा कि बिहार के वो लोग जो यहां की दिक्कतों को समझते हैं, जो इन समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं, बिहार को बदलने का जज्बा रखते हैं उनको एकसाथ आना होगा।
उन्होंने कहा कि मैं कोई राजनीतिक पार्टी या मंच नहीं बना रहा हूं। प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी भूमिका यह होगी कि बिहार को बदलने की चाह रखने वाले लोगों, यहां रहने वाले लोगों से मिलूं और उनको एकसाथ लाऊं।
उन्होंने कहा कि मेरी टीम ने करीब 17 हजार 500 लोगों को चिन्हित किया है, जिनसे में मिलने वाला हूं। जन-सुराज (गुड गवर्नेंस) की जो सोच है उसको जमीन पर लाने पर बात होगी। पीके ने कहा कि पिछले तीन दिनों में 150 लोगों से मीटिंग कर चुका हूं।