नई दिल्ली। कांग्रेस की महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने नदी में मिल रहीं लाशों, उन्नाव में गंगा किनारे रेती में सैकड़ों शवों को दफनाने के मामलों पर योगी सरकार को घेरा है। प्रियंका ने लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, कानपुर जैसे शहरों में मौत का आंकड़ा कई गुना कम करके बताने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे असहनीय और अमानवीय बताते हुए हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की।
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प्रियंका गांधी ने ट्वीट में लिखा कि खबरों के अनुसार बलिया, गाजीपुर में शव नदी में बह रहे हैं। उन्नाव में नदी के किनारे सैकड़ों शवों को दफना दिया गया है। लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, कानपुर जैसे शहरों में मौत के आंकड़े कई गुना कम करके बताए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में हद से ज़्यादा अमानवीयता हो रही है। सरकार अपनी इमेज बनाने में व्यस्त है और जनता की पीड़ा असहनीय हो चुकी है। इन मामलों पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में तुरंत न्यायिक जांच होनी चाहिए।
सरकार अपनी इमेज बनाने में व्यस्त है और जनता की पीड़ा असहनीय हो चुकी है। इन मामलों पर उच्च न्यायालय के न्यायधीश की निगरानी में तुरंत न्यायिक जाँच होनी चाहिए। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 13, 2021
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इससे पहले एक ट्वीट में प्रियंका गांधी ने कोरोना संक्रमण और सरकार के प्रबंधन को लेकर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि हाईकोर्ट में यूपी सरकार ने जो हलफनामा दाखिल किया है, वह प्रदेश में कोरोना से लड़ने की असल कहानी बयां करता है। उन्होंने पूछा कि सरकार को कब ये अहसास होगा कि कोरोना से लड़ाई झूठ से संभव नहीं है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि हाई कोर्ट में उप्र सरकार का हलफनामा प्रदेश में कोरोना से लड़ने की असल कहानी बयां करता है. टेस्ट कम हो रहे हैं, एंबुलेंस तक की व्यवस्था सही नहीं है, ऑक्सीजन व दवाई संबंधी जानकारी ही नहीं है। सरकार को कब ये एहसास होगा कि कोरोना से लड़ाई झूठ से नहीं, ज्यादा टेस्टिंग, सुविधाओं की उपलब्धता, घर-घर वैक्सीन से ही संभव है।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोविड के बढ़ते संक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हलफनामा पेश किया है। सेक्रेटरी होम की ओर से पेश किए हलफनामे से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई है। कोविड मरीजों को लेकर हेल्थ बुलेटिन भी जारी नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने हर जिले में तीन सदस्यों की पेंडमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के गठन का निर्देश दिया। जिला जज को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट या ज्यूडीशियल ऑफिसर रैंक के अधिकारी को नामित करने का आदेश दिया।