Rajasthan Political Crisis : राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सचिन पायलट (Sachin Pilot) दिल्ली पहुंच चुके हैं। हाईकमान के साथ उनकी कोई मीटिंग अभी तय नहीं है। फिलहाल ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया कि सचिन पायलट (Sachin Pilot) गहलोत गुट के विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन चाहते हैं। राजस्थान में सचिन पायलट के खेमे में भी हलचल बढ़ गई है। जयपुर में उनके आवास पर समर्थक विधायक पहुंचने लगे हैं। इसी बीच विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने दावा किया है कि 2023 चुनाव के लिए पार्टी राजस्थान में बदलाव कर रही है। सीएम का चेहरा नेतृत्व तय करेगा। अशोक गहलोत के करीबी विधायक मदन प्रजापति ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की। विधायक मदन प्रजाति शांति धारीवाल के घर बैठक में शामिल थे।
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राजनातिक संकट के बीच राजस्थान के मंत्री राजेंद्र सिंह गुहा ने कहा कि मेरी निजी राय में राजस्थान का मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अलावा दूसरा और कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों में आने वाले चुनाव को देखते हुए अशोक गहलोत से सचिन पायलट बेहतर मुख्यमंत्री साबित होंगे। वह बोले कि सचिन पायलट को 36 बिरादरी का समर्थन हासिल है और जो यह कहा जा रहा है कि 102 विधायक एक तरफ है 19 एक तरफ ऐसा नहीं है।
जयपुर से लौटे पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान के मौजूदा स्थिति की लिखित रिपोर्ट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौपेंगे। इससे पहले सोमवार को दोनों नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी भी दी थी। इतना ही नहीं राजस्थान में हुए सियासी ड्रामे के बाद कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत से नाराज बताया जा रहा है। ऐसे में अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो सकते हैं।
सूत्रों के हवाले से बताया कि सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान को बता दिया है कि अगर गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, तो उन्हें सीएम पद पर नहीं रहना चाहिए। इतना ही नहीं यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे विधायकों को साथ लाएं। सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के अलावा अन्य विधायकों के भी लगातार संपर्क में हैं। हालांकि, उन्होंने अभी समर्थकों से हाईकमान के फैसले का इंतजार करने के लिए कहा है। हालांकि, सचिन पायलट ने इन खबरों का खंडन कर दिया है।