नयी दिल्ली: आदिवासी समुदाय की आय बढ़ाने में सहायक ट्राइब्स इंडिया देशभर में अपनी दुकानों और पोर्टल पर राखियां भी बेचेगा। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि रक्षाबंधन के त्योहार के मद्देनजर ट्राइब्स इंडिया कैटलॉग में एक विशेष राखी फीचर रखा गया है, जहां आकर्षक राखियां उपलब्ध हैं। ये राखियां भारत की विभिन्न जनजातियों द्वारा हस्त-निर्मित हैं। राखियों के अलावा पूजा की सामग्री भी उपलब्ध है। साथ में पुरुषों और महिलाओं के लिये रंग-बिरंगे कुर्ते भी हैं। महिलाओं के लिये साड़ियों की विशाल श्रृंखला, जैसे माहेश्वरी, चंदेरी, बाग, कांथा, भंडारा, टसर, सम्भलपुरी और इकाट परंपराओं वाली साड़यिां, कपड़े और सुंदर स्टोल खरीदे जा सकते हैं।
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मंत्रालय ने बताया कि ये सभी सामान ट्राइब्स इंडिया की 137 खुदरा दुकानें और ई-वाणिज्य प्लेटफार्म पर मौजूद है। इसके अलावा जैविक हल्दी, सूखा अमला, जंगलों से जमा किया हुआ शहद, काली मिर्च, रागी, त्रिफला, मूंग दाल, उड़द दाल, सफेद सेम और दलिया जैसे जैविक उत्पादों के साथ-साथ वर्ली शैली या पत्तचित्र शैली की चित्रकारी, डोकरा शैली के हाथ से बने आभूषण, पूर्वोत्तर के वानचो और कोन्याक जनजातियों के मनके वाले हार, रेशमी और अन्य शानदार लिबास, रंग-बिरंगे गुड्डे-गुड़यिा, बच्चों के खिलौने, पारंपरिक बुनी हुई डोंगरिया शॉल और बोडो जनजाति के बुने हुये कपड़े, धातु से बनी चीजें, बांस के उत्पाद, यानी हर तरह की वस्तुयें यहां उपलब्ध हैं।