LPG Price Update : यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) की सैन्य कार्रवाई (Conflict) से दुनिया भर में कोहराम मच गया है। इससे दुनिया के तमाम देशों में गहरी चिंता पैदा हो गई है। रूस और यूक्रेन के इस युद्ध से वैश्विक बाजार (Global Market) में बड़ी उथल-पुथल मची हुई है। देश में लगातार मंहगाई बढ़ रही है। ऐसे में अप्रैल माह से लोगों के जेब पर और भार पड़ता तय माना जा रहा है।
पढ़ें :- यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बदले अपने सुर, कहा-भाजपा में न मतभेद था, न है, न होगा
कच्चे तेल में तेजी से पेट्रोल-डीजल पर होगा असर
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर भी बड़ा असर पड़ा है। गुरुवार को कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड की कीमत 4.39 फीसदी चढ़कर 101.09 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड का भाव 4.33 फीसदी बढ़कर 96.09 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। इससे भारत में भी पेट्रोल और डीजल में कीमतें में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। भारत में भी इससे जल्द पेट्रोल-डीजल खरीदना महंगा हो सकता है।
आपको बता दें कि क्रूड महंगा होने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा असर होता है. भारत क्रूड का इंपोर्ट करता हैं, उनका इंपोर्ट बिल बढ़ेगा, जिससे बैलेंसशीट बिगड़ेगी। इन देशों का चालू खाता और राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। इन देशों की करंसी कमजोर होंगी। इससे इन देश में महंगाई बढ़ने का खतरा भी बढ़ेगा। भारत सबसे बड़े क्रूड खरीदारों में हैं। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था पर असर हो सकता है। अगर क्रूड का भाव 100 डॉलर के पार बना रहता है तो पेट्रोल और डीजल भी महंगे होने के आसार हैं। इससे महंगाई बढ़ेगी।
वैश्विक स्तर पर गैस की किल्लत के चलते अप्रैल से पका खाना और महंगा हो सकता है। बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस वैश्विक गैस संकट का प्रभाव जल्द ही भारत में घरेलू गैस की कीमतों पर दिखाई दे सकता है, जो अप्रैल से दोगुना हो सकता है। वही घरेलू गैस की कीमतों के बढ़ने की कई वजह है। जिसमें से वैश्विक गैस संकट एक है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, विश्लेषकों ने बताया कि कीमत 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़कर 6-7 डॉलर तक जा सकती है।
पढ़ें :- Man-Yi in Typhoon Philippines : फिलीपींस में मान-यी तूफ़ान की दस्तक, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
वैश्विक संकट के साथ, सीएनजी, पीएनजी और बिजली की कीमतों में वृद्धि की संभावना है। इससे परिवहन की लागत और उद्योगों के परिचालन खर्च में भी बढ़ोत्तरी होगी। उपभोक्ताओं को इसका सीधा असर के सामना करना पड़ सकता है। रूस अपनी अंतरमहाद्वीपीय पाइपलाइनों के माध्यम से पूरे यूरोप में गैस का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। यूक्रेन संकट से आपूर्ति बाधित हो सकती है। यूक्रेन में बढ़ते तनाव ने युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया है, जिसका गैस की लागत पर कई गुना प्रभाव हो सकता है। यह प्रभाव अप्रैल तक दिखाई दे सकता है, जब रसोई गैस की कीमतों में संशोधन किया जाएगा।