Maharashtra News : महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis) की पत्नी अमृता फडणवीस (Amrita Fadnavis) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को नए भारत का राष्ट्रपिता कहने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। शिवसेना (Shiv Sena) नेता व राज्यसभा सदस्य संजय राउत (Sanjay Raut) ने इसे लेकर रविवार को ‘सामना’ (Samana)में तंज कसा है। उन्होंने भाजपा (BJP)से पूछा कि क्या वह अमृता फडणवीस (Amrita Fadnavis) के विचार से सहमत है? क्योंकि, ऐसा कहना पीएम मोदी (PM Modi) का अपमान है।
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राउत ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ (Samana) में अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोकटोक’ में दावा किया कि यह मोदी का ‘अपमान’ है। उन्होंने कहा कि ‘नए भारत में भूख (Hunger), गरीबी (Poverty), बेरोजगारी (Unemployment) और आतंकवाद (Terrorism)के भूत सिर उठा रहे हैं, ऐसे में पीएम मोदी को नए भारत का राष्ट्रपिता कहना उनका अपमान है। बता दें कि अमृता फडणवीस (Amrita Fadnavis) ने हाल ही में इंटरव्यू में कहा था कि ‘हमारे पास दो राष्ट्र पिता हैं। नरेंद्र मोदी नए भारत के राष्ट्रपिता हैं और महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पुराने समय के राष्ट्रपिता हैं।
भाजपा वीर सावरकर के राष्ट्रपिता होने की बात नहीं करती
शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे गुट (Shiv Sena Uddhav Balasaheb Thackeray faction) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने आरोप लगाया कि भाजपा में कोई भी (स्वतंत्रता सेनानी) वीर सावरकर के राष्ट्रपिता होने की बात नहीं करता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) हमेशा सावरकर का विरोध करता था। सावरकर ने कठोर कारावास का सामना किया। इन लोगों ने भारत को पुराने और नए में विभाजित किया है। बता दें कि अमृता फडणवीस (Amrita Fadnavis) की टिप्पणी का विपक्षी कांग्रेस समेत महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भी विरोध करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
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स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत को स्वीकार नहीं करती भाजपा?
राउत ने रविवार को सामना में लिखे आलेख में सवा किया कि क्या भाजपा स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत से मिली आजादी को स्वीकार नहीं करती है? राउत ने तंज कसा, ‘नए भारत में भूख, गरीबी, बेरोजगारी, आतंकवाद के भूत सिर उठा रहे हैं। मोदी को नए भारत का जनक बनाना उनका अपमान है।’
भाजपा का देश को आजादी में क्या है योगदान?
राउत ने दावा किया कि ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को देश के लोगों ने दी थी। हालांकि, शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे सहित कई राजनीतिक विरोधियों को इस पर आपत्ति थी, लेकिन यहां मुद्दा यह नहीं है कि ‘राष्ट्रपिता’ या ‘सरदार’ कौन है। सवाल इस बात का है कि स्वतंत्रता संग्राम में भाजपा का क्या योगदान है? राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस की स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी। इसीलिए उसे सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabh Bhai Patel) और नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) जैसे कांग्रेस से जुड़े महापुरुषों के प्रतीक चुराने पड़े।