Sawan Special : सावन माहीना आज 4 जुलाई 2023, मंगलवार से आरंभ हो गया है। इस माह में प्रकृति को नवजीवन मिलेगा। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि शिव साक्षात प्रकृति है। इस माह में भगवान के शिवस्वरुप का स्मरण से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है। सावन मास की इस अवधि में वर्षाकाल अपने चरम पर रहेगा, सूखी नदियाँ कलकल बहेंगी, हरियाली चारों ओर दिखेगी, प्रकृति के उत्सव में जनजीवन उल्लसित होंगे। इस मास में व्यक्ति का अंतर्मन भी शिव उपासना , शिवपूजन का होगा।
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‘श्रावणे पूजयेत शिवम्’
पवित्र श्रावण मास में भूमि संरक्षण, वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण, जलस्रोतों के संरक्षण और संवर्धन का पुनीत कार्य किया जाता है। वैदिक परम्परा में ‘श्रावणे पूजयेत शिवम्’ के नियमानुसार श्रावण के महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महात्मय बतलाया गया है। श्रावण मास के आरम्भ होते ही शिव भक्त कावड़िए हरिद्वार, ऋषिकेश, गौमुख के गंगाजल भरकर कांवड़ उठाए बम-बम भोले का उद्घोष करते है।
सावन शिव जी को प्रिय
पौराणिक कथाओं के अनुसार ,माता पार्वती ने भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। सावन माह में भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए थे और उनकी मनोकामना पूर्ण की थी। सावन माह में शिव और पार्वती का मिलन हुआ था। इस वजह से सावन शिव जी को प्रिय है।
शिवजी का अभिषेक
सावन मास में घर में पार्थिवेश्वर या नर्मदेश्वर शिवलिंग पर पूजा करनी चाहिए। मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणेश कार्तिकेय एंव नन्दीश्वर सहित शिवपंचायत की पूजा करने का विधान है। गंगाजल से शिवजी का अभिषेक आराधना में सर्वोत्तम माना गया है।