मार्केट रेगुलेटर सेबी ने मंगलवार को कई कदमों को मंजूरी दी है, जिनमें स्वतंत्र निदेशकों से संबंधित नियमों में संशोधन और अधिकृत निवेशकों के लिए फ्रेमवर्क पेश करना शामिल है. दूसरे प्रस्तावों में, रेगुलटर ने निवासी भारतीय फंड मैनेजर्स को फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स का हिस्सा बनने की इजाजत दी है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड नियमों में भी बदलाव किया गया है, जिनके तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को ऐसी स्कीम्स के साथ जुड़े रिस्क के आधार पर स्कीम में न्यूनतम राशि का निवेश करना होगा. वर्तमान में, न्यू फंड ऑफर (NFO) में जमा की गई राशि का एक फीसदी या 50 लाख रुपये की राशि, जो भी कम हो, उसकी जरूरत होती है. सेबी के बोर्ड ने ये फैसले मंगलवार को हुई उसकी बैठक में लिए. सेबी ने एक बयान में कहा कि अधिकृत निवेशक वित्तीय मापदंडों के आधार पर व्यक्ति, HUFs, परिवार के ट्रस्ट, अकेले स्वामित्व वाले, पार्टनरशिप कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेट हो सकते हैं.
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इनसाइडर ट्रेडिंग रेगुलेशंस पर प्रतिबंध में संशोधन
रेगुलेटर के बोर्ड ने इनसाइडर ट्रेडिंग रेगुलेशंस पर प्रतिबंध में संशोधनों को भी पास किया, जहां सूचना देने वालों के लिए अधिकतम इनाम वर्तमान के एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InVITs) और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) का संचालन करने वाले नियमों में बदलावों को मंजूरी दी गई है. अलग-अलग पेमेंट एवेन्यू द्वारा जारी पब्लिक/ राइट्स इश्यू में हिस्सा लेने के लिए निवेशकों को जल्दी एक्सेस देने के लिए, सेबी ने इश्यू में बैंकों को बैंकर के तौर पर रजिस्टर होने की मंजूरी देने का फैसला किया है. बैंकों के अलावा इकाइयों को रेगुलेटर द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट करेंगे.