सरकारी आदेश के बाद, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) ने 13 जुलाई से 15 जुलाई के बीच दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, औरंगाबाद और अहमदनगर सहित कम से कम पांच शहरों में वीडियोकॉन समूह से जुड़े परिसरों में तीन दिवसीय तलाशी अभियान चलाया।
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सरकार ने 8 जून के आदेश में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद वीडियोकॉन समूह की एसएफआईओ जांच का आदेश दिया है, जिसमें समूह की 13 फर्मों के लिए एक समाधान योजना को मंजूरी दी गई थी, 62,000 करोड़ रुपये के उनके कुल क्लेम में बैंकों ने प्रति वर्ष 95.85 परसेंट का हेयरकट लिया था ।
सूत्रों ने कहा कि कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) कार्यालय के कम से कम 80 अधिकारियों को भी तलाशी के लिए लगाया गया है। एसएफआईओ ने वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के घर की भी तलाशी ली।
तलाशी अभियान से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, एसएफआईओ ने समूह की कंपनियों के डिजिटल डेटा, अकाउंट बुक्स और सर्वर जब्त किए। एजेंसी ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड और 12 अन्य समूह फर्मों की दिवाला प्रक्रिया के लिए नियुक्त रेसोलुशन प्रोफेशनल (आरपी) की भी तलाशी ली है।
एनसीएलटी ने अपने जून के आदेश में दिवाला प्रक्रिया के दौरान वीडियोकॉन समूह की कंपनियों की संपत्ति के परिसमापन मूल्य की गोपनीयता पर चिंता जताई थी क्योंकि वेदांत समूह की कंपनी ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज की 2,962 करोड़ रुपये की विनिंग बिड उल्लेखनीय थी। कंपनी के लिक्विडेशन वैल्यू 2,568 करोड़ रुपये के करीब है, जिसे गोपनीय रखा जाना आवश्यक है। ट्रिब्यूनल ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) से “कॉन्फिडेंटिअलिटी कलौसेका पालन सुनिश्चित करने” के लिए भी कहा। एनसीएलटी ने यह भी कहा था कि ट्विन स्टार द्वारा 2,962 करोड़ रुपये की विनिंग बिड “लगभग कुछ भी नहीं” थी।